नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) भारत की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को खिलाड़ी जैविक पासपोर्ट (एबीपी) के प्रबंधन के लिए विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) से मंजूरी मिल गई है जो प्रतिबंधित शक्तिवर्धक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने की देश की पहल के लिए महत्वपूर्ण है।
खेल मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वाडा ने छह दिसंबर को मंजूरी दी।
एबीपी एक उन्नत डोपिंग रोधी उपाय है जो समय के साथ खिलाड़ी के जैविक मापदंडों की निगरानी करता है। रक्त और स्टेरॉयड प्रोफाइल जैसे मापदंडों में भिन्नता का विश्लेषण करके एबीपी खेलों में निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करने और स्वच्छ खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करने में मदद करता है।
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने छह दिसंबर 2024 को नयी दिल्ली की एनडीटीएल को खिलाड़ी जैविक पासपोर्ट (एबीपी) के प्रबंधन के लिए खिलाड़ी पासपोर्ट प्रबंधन इकाई (एपीएमयू) के रूप में मंजूरी दे दी है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘यह भारत के लिए अपनी डोपिंग रोधी पहल को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अब भारत दुनिया भर में वाडा द्वारा स्वीकृत 17 एपीएमयू के समूह का हिस्सा है। भारत का एपीएमयू देश के साथ-साथ पड़ोसी देशों के डोपिंग रोधी संगठनों की भी मदद करेगा।’’
भाषा सुधीर नमिता
नमिता
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