केपटाउन : India’s defeat in the third test दक्षिण अफ्रीका ने अपने अनुशासित और उत्कृष्ट प्रदर्शन से दुनिया की नंबर एक टीम भारत का ‘अंतिम किला फतह’ करने का सपना दुस्वप्न में बदलकर तीसरे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में चौथे दिन शुक्रवार को यहां सात विकेट से जीत दर्ज करके श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की।दक्षिण अफ्रीका के सामने 212 रन का लक्ष्य था जो उसने तीन विकेट खोकर हासिल किया। इसमें कीगन पीटरसन (113) गेंदों पर 82 रन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्होंने तीसरे दिन कप्तान डीन एल्गर (30) के साथ 78 रन की साझेदारी करके मजबूत नींव रखी थी। पीटरसन ने चौथे दिन सुबह रॉसी वान डर डुसेन (नाबाद 41) के साथ 52 रन जोड़कर भारत की उम्मीदों पर पानी फेरा। रही सही कसर वान डर डुसेन और तेम्बा वावुमा (नाबाद 32) के बीच 57 रन की अटूट साझेदारी ने पूरी कर दी।
India’s defeat in the third test भारत के पास दक्षिण अफ्रीका में पहली बार श्रृंखला जीतने का बेहतरीन मौका था। उसने सेंचुरियन में पहला टेस्ट मैच 113 रन से जीतकर शानदार शुरुआत की थी लेकिन जोहानिसबर्ग में दूसरा मैच सात विकेट से हार गया था। इस तरह से भारत ने सातवीं बार दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट श्रृंखला गंवायी। इस बीच उसने एक बार 2010-11 में श्रृंखला 1-1 से बराबर की थी। आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को उसकी धरती पर हराने के बाद भारत को दक्षिण अफ्रीका में अंतिम किला फतह करना था लेकिन उसे उसके ‘मजबूत बल्लेबाजी क्रम’ ने नीचा दिखाया। भारत ने पहली पारी 223 रन बनाकर दक्षिण अफ्रीका को 210 रन पर रोक दिया लेकिन ऋषभ पंत के नाबाद 100 रन के बावजूद वह दूसरी पारी में 198 रन ही बना सका। इससे गेंदबाजों के सामने बचाव के लिये बड़ा स्कोर नहीं था।
Read more : अस्पताल परिसर में मिली 11 नवजातों की खोपड़ी और हड्डियां, दिल दहला देने वाली घटना का हुआ खुलासा
यह श्रृंखला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अंतर्गत खेली गयी थी जिसमें प्रतिशत अंकों के आधार पर भारत पांचवें स्थान पर खिसक गया है जबकि दक्षिण अफ्रीका चौथे स्थान पर पहुंच गया है। पीटरसन और वान डर डुसेन ने सुबह के सत्र में अच्छी बल्लेबाजी करके दक्षिण अफ्रीका के लिये काम आसान किया। पीटरसन ने अपनी पारी में 10 चौके लगाये जबकि वान डर डुसेन ने संयम की प्रतिमूर्ति बनकर क्रीज संभाले रखी। उन्होंने 95 गेंदों का सामना किया। बावुमा ने अपनी फार्म बरकरार रखी और कुछ करारे शॉट जमाये। उन्होंने अपनी 58 गेंद की पारी में पांच चौके लगाये जिसमें रविचंद्रन अश्विन पर लगाया गया विजयी चौका भी शामिल है।
चेतेश्वर पुजारा ने इस बीच पीटरसन का स्लिप में आसान कैच छोड़ा जिससे भारत की परेशानियां बढ़ी। तब बल्लेबाज 59 रन पर था और इसके बाद उन्होंने कुछ चौके जड़कर भारतीयों पर दबाव बनाया। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के पहले स्पेल को खेलना चुनौती थी लेकिन पीटरसन और वान डर डुसेन ने कुछ बेहतरीन गेंदों का सामना करने के बावजूद क्रीज संभाले रखी। इनका पहला स्पेल निकल जाने के बाद उन्होंने उमेश यादव को निशाने पर रखा तथा ऑफ साइड में कुछ खूबसूरत चौके लगाये। इस कारण विराट कोहली ने क्षेत्ररक्षण छितरा दिया जिससे बल्लेबाजों को एक दो रन लेने में आसानी हुई।
Read more : पुलिस-नक्सली मुठभेड़.. माआवोदियों ने बारूदी सुरंग में किया विस्फोट, SSB का जवान घायल
वह शार्दुल ठाकुर थे जिनकी अंदर आती गेंद पीटरसन के बल्ले के अंदरूनी किनारे से लगकर विकेटों में समा गयी। इसके बाद हालांकि वान डर डुसेन और तेम्बा वावुमा ने भारतीयों को कोई मौका नहीं दिया। पीटरसन दक्षिण अफ्रीका की जीत के नायक रहे। उनके पास तकनीकी के साथ आवश्यक धैर्य भी है जो शीर्ष स्तर की क्रिकेट के लिये जरूरी होता है। दोनों टीम के बीच अब 19 जनवरी से तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला खेली जाएगी।
डेविस कप के जरिये विदाई की तैयारी में जुटे नडाल
2 hours ago