नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने महिलाओं के खेल में ऑनलाइन दुर्व्यवहार को खत्म करने के लिए एआई(कृत्रिम मेधा)-संचालित सोशल मीडिया परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस परीक्षण में यह बात सामने आयी है कि खिलाड़ी या टीमों से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट पर लगभग पांचवीं टिप्पणी अभद्र, हानिकारक या ऑटो जेनरेटेड (स्वतः उत्पन्न) पायी गयी।
बीते महीने यूएई में आयोजित महिला टी20 विश्व कप के दौरान ‘क्रिकेट समुदाय को हानिकारक सामग्री से बचाने’ और खिलाड़ियों और प्रशंसकों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी ऑनलाइन माहौल बनाने के लिए ये परीक्षण किये गये थे।
आईसीसी ने तकनीकी कंपनी ‘गोबबल’ के साथ साझेदारी में महिला खिलाड़ियों को लक्षित करने वाले ऑनलाइन दुर्व्यवहार से निपटने के लिए ‘एआई टूल’ का उपयोग किया।
‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो’ की एक रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान 60 खिलाड़ियों और आठ टीमों से जुड़ी सोशल मीडिया अकाउंट पर निगरानी की गई जिस पर 1,495,149 टिप्पणियों में से लगभग 271,100 नस्लवाद, लिंगवाद, ‘होमोफोबिया’ और दुर्व्यवहार से जुड़े थे।
आईसीसी के डिजिटल प्रमुख फिन ब्रैडशॉ ने कहा कि यह परीक्षण महिला खिलाड़ियों के लिए एक सुरक्षित ऑनलाइन मौजूदगी को बढ़ावा देने की आवश्यकता से प्रेरित था। इन खिलाड़ियों की बढ़ती लोकप्रियता ने उन्हें ऑनलाइन उत्पीड़न के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया है।
इस रिपोर्ट में ब्रैडशॉ ने कहा, ‘‘ आप नहीं चाहते कि किसी युवा महिला खिलाड़ी पर इसका प्रभाव पड़े। अगर कोई युवा खिलाड़ी देखती है कि उसके चहेते खिलाड़ी को सोशल मीडिया पर क्या झेलना पड़ रहा है, तो वह सोचती है कि वह इसका सामना नहीं कर सकेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य दुनिया भर में बहुत बड़ा मुद्दा बन रहा है। सोशल मीडिया मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी हो सकता है और इसलिए उस लड़की के क्रिकेट खेलने के फैसले को आसान बनाने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करना चाहते हैं।’’
यह ‘एआई टूल’ खिलाड़ियों को अभ्रद्र टिप्पणियों और व्यक्तिगत ऑनलाइन हमलों से जुड़े शब्दों को छांट की बेहतर ऑनलाइन माहौल सुनिश्चित करता है।
ऑनलाइन दुर्व्यवहार का सामना कर चुकी दक्षिण अफ्रीका की विकेटकीपर बल्लेबाज सिनालो जाफ्ता ने कहा कि उन्हें इस टूल से काफी मदद मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए ऑनलाइन सुरक्षा बहुत बड़ी बात है क्योंकि कई बार खिलाड़ी आलोचना के डर से अपने विचारों को दुनिया से साझा करने से बचते है। मुझे अपने अकाउंट से अभद्र टिप्पणियों को हटाने के लिए परिवार पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन इस टूल से काफी मदद मिली है।’’
भाषा आनन्द सुधीर
सुधीर
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