golden boy Neeraj Chopra | History man turns India got its first gold medal

गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, भारत को ओलंपिक एथलेटिक्स में दिलाया पहला गोल्ड मेडल, देखें डिटेल

नीरज ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहासHistory man turns golden boy Neeraj Chopra India got its first gold medal in Olympic athletics

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : August 7, 2021/5:50 pm IST

टोक्यो, सात अगस्त ।  नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में शनिवार को यहां भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका जो कि सोने का तमगा हासिल करने के लिये पर्याप्त था। यह ओलंपिक एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक है। इससे उन्होंने भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया। नीरज ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद तिरंगा लेकर मैदान का चक्कर लगाया और इसका जश्न मनाया।

Read More News: रायपुर में एक ही दिन में 70 हजार से अधिक चिटफंड निवेशकों ने किया आवेदन, अब तक मिले 86834 आवेदन

नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है और इस 23 वर्षीय एथलीट ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए क्वालीफिकेशन में अपने पहले प्रयास में 86.59 मीटर भाला फेंककर शीर्ष पर रहकर फाइनल में जगह बनायी थी। फाइनल में उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाये जबकि चौथे प्रयास में फाउल कर गये। उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था।

Read More News:  आरक्षक ने दौड़ाकर आरोपी को पकड़ा, तो पुलिसकर्मी को ही चाकू मारकर फरार हुआ शातिर, लेकिन कानून के लंबे हाथ से धर दबोचा

चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया। नीरज भारत की तरफ से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था। भारत ने पहली बार एंटवर्प ओलंपिक  में एथलेटिक्स में भाग लिया था लेकिन तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई एथलीट पदक नहीं जीत पाया था। दिग्गज मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश 1960 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गये थे।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अब भी नार्मन प्रिचार्ड के पेरिस ओलंपिक 1900 में 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीते गये पदकों को भारत के नाम पर दर्ज करता है लेकिन विभिन्न शोध तथा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (अब विश्व एथलेटिक्स) के अनुसार उन्होंने तब ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व किया था।

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)