हरविंदर पैरालंपिक फाइनल में पहुंचने वाले पहले तीरंदाज, दूसरा पैरालंपिक पदक पक्का |

हरविंदर पैरालंपिक फाइनल में पहुंचने वाले पहले तीरंदाज, दूसरा पैरालंपिक पदक पक्का

हरविंदर पैरालंपिक फाइनल में पहुंचने वाले पहले तीरंदाज, दूसरा पैरालंपिक पदक पक्का

:   Modified Date:  September 4, 2024 / 10:34 PM IST, Published Date : September 4, 2024/10:34 pm IST

पेरिस, चार सितंबर (भाषा) तोक्यो पैरालंपिक के कांस्य पदक विजेता हरविंदर सिंह बुधवार को यहां पेरिस पैरालंपिक की पुरुष रिकर्व ओपन स्पर्धा के सेमीफाइनल में ईरान के मोहम्मद रेजा अरब अमेरी को 7-3 से हराकर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बने।

इस तरह उन्होंने पैरालंपिक में अपना लगातार दूसरा तीरंदाजी पदक सुनिश्चित किया।

भारत के एकमात्र पैरालंपिक पदक विजेता तीरंदाज हरविंदर ने सेमीफाइनल में पहले सेट में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए ईरान के प्रतिद्वंद्वी को 25-26, 27-27, 27-25, 26-24, 26-25 से मात दी।

उन्होंने क्वार्टरफाइनल में कोलंबिया के हेक्टर जूलियो रमीरेज को 6-2 से शिकस्त दी।

हरविंदर ने चीनी ताइपे के सेंग लुंग हुई को 7-3 से पराजित करने के बाद प्री क्वार्टरफाइनल में इंडोनेशिया के सेतियावान सेतियावान को 6-2 से हराया।

हरविंदर आठ अंक की खराब शुरूआत के बाद पहला सेट महज एक अंक (27-28) से गंवा बैठे लेकिन जल्द ही संयम बरतते हुए इंडोनेशियाई प्रतिद्वंद्वी को दबाव में ले आये और लगातार तीन 28 अंक बनाये।

सेतियावान 25 और 27 अंक के बाद चौथे सेट में गलत तीर लगाकर सिर्फ 15 अंक ही बना सके।

इससे पहले चीनी ताइपे के तीरंदाज के खिलाफ पहला सेट 25-25 से ड्रा कराने के बाद हरविंदर ने दूसरे सेट में 27-26 की जीत से 3-1 से बढ़त बना ली।

तीसरे सेट में लुंग हुई ने 29-26 की जीत से स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया।

लेकिन लुंग हुई अगले दो सेट में पिछड़ गये और हरविंदर ने संयम बरतते हुए 24-23 और 25-17 से सेट जीतकर मैच अपने नाम किया और अंतिम 16 में स्थान सुनिश्चित किया।

रिकर्व ओपन वर्ग में तीरंदाज 70 मीटर की दूरी से खड़े होकर निशाना लगाते हैं।

हरियाणा में अजीत नगर के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब डेड़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाये गये थे। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई।

शुरूआती चुनौतियों के बावजूद वह तीरंदाजी में आ गये और 2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैम्पियनशिप में पदार्पण में सातवें स्थान पर रहे।

फिर 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे और कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें।

हरविंदर ने तीन साल पहले तोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया क्योंकि यह भारत का पहला तीरंदाजी पदक था।

तीरंदाजी में सफलता के साथ वह अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री भी ले रहे हें।

भाषा नमिता सुधीर

सुधीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)