चिकित्सक माता-पिता के संघर्ष को देखकर शतरंज खिलाड़ी बने गुजराती |

चिकित्सक माता-पिता के संघर्ष को देखकर शतरंज खिलाड़ी बने गुजराती

चिकित्सक माता-पिता के संघर्ष को देखकर शतरंज खिलाड़ी बने गुजराती

:   Modified Date:  September 4, 2024 / 02:15 PM IST, Published Date : September 4, 2024/2:15 pm IST

नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) विदित गुजराती का मानना है कि वह आकस्मिक ही शतरंज के खिलाड़ी बने क्योंकि उन्होंने जब देखा कि उनके चिकित्सक माता-पिता को देर रात किसी भी समय मरीज को देखने के लिए बुला दिया जाता है तो तब उन्होंने खेल को अधिक स्थिर करियर के रूप में देखा जो कि उनकी गलती थी, लेकिन यह उनके लिए अच्छी साबित हुई।

नासिक का रहने वाला यह 29 वर्षीय खिलाड़ी लंदन में तीन से 12 अक्टूबर तक होने वाले वैश्विक शतरंज लीग के दूसरे सत्र में मुंबा मास्टर्स की तरफ से खेलेगा।

गुजराती तब छह साल के थे जब उन्हें क्रिकेटर के बजाय शतरंज का खिलाड़ी बनने की सलाह दी गई। उन्होंने इस पर अमल किया क्योंकि वह पहले ही अपने पिता के साथ काफी समय से शतरंज खेल रहे थे।

वैश्विक शतरंज लीग की विज्ञप्ति के अनुसार गुजराती ने कहा,‘‘मैंने इस खेल को सीखने और उन्हें (अपने पिता को) हराने के अच्छे अवसर के रूप में देखा। यह सब कुछ आकस्मिक हुआ लेकिन इसका अंत सुखद रहा।’’

गुजराती ने देखा कि उनके चिकित्सक माता-पिता को आपात स्थिति में देर रात तक काम करना पड़ता है। वह इससे आसान जिंदगी जीना चाहते थे और तब उन्हें लगा कि खेल अच्छा विकल्प हो सकता है।

उन्होंने अभ्यास में लंबा समय बिताने के संदर्भ में कहा,‘‘मुझे अहसास नहीं था कि खेलों में अधिक अस्थिरता होगी। मेरी सोच गलत थी लेकिन यह मेरे लिए अच्छी साबित हुई।’’

गुजराती 2017 में विश्वनाथन आनंद, कृष्णन शशिकिरण और पेंटाला हरिकृष्णा के बाद 2700 ईएलओ रेटिंग को पार करने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बने थे। अब भी उनकी रेटिंग 2700 से अधिक है।

भाषा पंत

पंत

 

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