फिटनेस और मानसिक दृढ़ता की कमी थी लेकिन अब हम इस पर काम कर रहे हैं: सलीमा टेटे |

फिटनेस और मानसिक दृढ़ता की कमी थी लेकिन अब हम इस पर काम कर रहे हैं: सलीमा टेटे

फिटनेस और मानसिक दृढ़ता की कमी थी लेकिन अब हम इस पर काम कर रहे हैं: सलीमा टेटे

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Modified Date: November 6, 2024 / 07:39 PM IST
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Published Date: November 6, 2024 7:39 pm IST

(सोमोज्योति एस चौधरी)

नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रहने के बाद से भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रदर्शन में गिरावट आई है और कप्तान सलीमा टेटे ने बुधवार को इसके लिए फिटनेस और मानसिक दृढ़ता की कमी को जिम्मेदार ठहराया।

तोक्यो में 2021 में इतिहास रचने के बाद टीम इस साल हुए पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही और पिछले एफआईएच प्रो लीग में भी खराब प्रदर्शन किया।

बिहार के राजगीर में 11 से 20 नवंबर तक होने वाली महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी से पहले पीटीआई को दिए साक्षात्कार में सलीमा ने कहा, ‘‘हां, बेशक हम निराश थे लेकिन हम अतीत के बारे में नहीं सोच सकते और आगे बढ़ने की जरूरत है। हमें आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि अगर हम आगे नहीं बढ़ेंगे तो हम कभी मैच नहीं जीत सकते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी के लिए काफी मुश्किल था, सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि टीम में शामिल सभी के लिए। लेकिन हमने इस पर काम किया।’’

पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद नए मुख्य कोच हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में भारतीय टीम का सफर आसान नहीं रहा लेकिन सलीमा ने कहा कि इन झटकों ने उन्हें बड़ा सबक सिखाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें शुरू से शुरुआत करनी थी। हमें शून्य से शुरुआत करनी थी। और फिटनेस एक ऐसा क्षेत्र था जिस पर हरेंद्र सर ने ध्यान दिलाया था और जिस पर बहुत काम करने की जरूरत थी।’’

सलीमा ने कहा, ‘‘यह हमारी गलती थी कि हमने फिटनेस पर काम नहीं किया। लेकिन सर के आने के बाद से हमने अपनी फिटनेस पर बहुत काम किया है। आज के स्तर पर अगर आपके पास फिटनेस नहीं है तो आप हॉकी नहीं खेल सकते क्योंकि यह एक तेज खेल है और आपको फिटनेस की जरूरत होती है।’’

भारतीय कप्तान ने कहा कि पूरी टीम अब फिटनेस के महत्व को समझती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी ताकत पर काम करते हैं। मैंने यह भी देखा कि हम इतना वजन नहीं उठा पाते थे। लड़कियां अब 100 किलोग्राम से ज्यादा वजन उठा रही हैं। इससे पता चलता है कि हम अपनी फिटनेस पर काम कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि हम बेहतर हो रहे हैं।’’

हरेंद्र खेल के मानसिक पहलू के महत्व को समझते हैं और यही कारण है कि भारतीय महिला हॉकी टीम ने इस साल 14 से 21 जुलाई तक केरल में प्रतिष्ठित भारतीय नौसेना अकादमी में गहन मानसिक मजबूती और एकजुटता शिविर में भाग लिया।

सलीमा ने कहा, ‘‘हमारे पास मानसिक अनुभव नहीं था। इसलिए यह (शिविर) बहुत अच्छा था। हमें नहीं पता था कि यह कैसा होने वाला है। यह बहुत कठिन था लेकिन हमने इसे संभाल लिया। हम बैठकर आराम नहीं कर पा रहे थे, हम बहुत व्यस्त थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सीखा है कि अगर हम कड़ी मेहनत नहीं करेंगे तो हमें कुछ नहीं मिलेगा। हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे।’’

सलीमा ने कहा कि यह भारतीय महिला टीम के लिए एक नई शुरुआत है और अब उनका ध्यान 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में पोडियम पर जगह बनाने पर है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय महिला हॉकी के लिए एक नया सत्र शुरू हो गया है। हमारा लक्ष्य लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना और वहां पोडियम पर जगह बनाना है।’’

भारत एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में गत विजेता के रूप में प्रवेश करेगा और कप्तान ने कहा कि वे स्वर्ण से कम पर संतुष्ट नहीं होंगे।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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