नयी दिल्ली दो दिसंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी महासंघ (एफईआई) ने भारत को ‘सॉलिडैरीटी प्रोजेक्ट (खेल के विकास से जुड़ी परियोजनाएं)’ को देने से सोमवार को तब तक इनकार कर दिया, जब तक कि देश में इस खेल की सर्वोच्च संस्था बकाया राशि का भुगतान नहीं कर देती।
भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) ने हालांकि इस तरह के दावे को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि कोई भुगतान बकाया नहीं है और विश्व संस्था ने इस तरह का संचार जारी करके गलती की है।
ईएफआई के अध्यक्ष जगत सिंह को सोमवार को एफईआई के अधिकारी फ्रांसिस्को लीमा से एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें बताया गया कि एफईआई बोर्ड ने 13 नवंबर को कुछ निर्णय लिया है।
सॉलिडैरिटी प्रोजेक्ट में कोचों के लिए पाठ्यक्रम संचालित करने जैसी विकासात्मक पहल शामिल है।
इस ईमेल (जिसकी एक प्रति पीटीआई के पास है) में एफईआई ने कहा कि ईएफआई ने उन अधिकारियों और कोचों को भुगतान नहीं किया जिन्होंने भारतीय घुड़सवारों को 2023 एशियाई खेलों की तैयारी में मदद की थी।
एफईआई ने सभी अधिकारियों को बिना पूर्व भुगतान के अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के लिए भारत की यात्रा न करने की सलाह दी।
ईएफआई ने हालांकि कहा कि वह विश्व शासी निकाय से ऐसा ईमेल प्राप्त करके आश्चर्यचकित है।
ईएफआई ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘ हमने एफईआई को जवाब दिया है कि उनकी ओर से गलती हुई है जिसे सुधारने की जरूरत है। अब यह बात सामने आई है कि आज का मेल लिखने वाला व्यक्ति छुट्टी पर था और उसे पता नहीं था कि ईएफआई ने सभी बकाया राशि का भुगतान कर दिया है।’’
भाषा आनन्द सुधीर
सुधीर
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