जोहानिसबर्ग : मार्को जेनसन की अगुआई में तेज गेंदबाजों ने उछाल लेती गेंदों के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी को एक बार फिर उजागर करते हुए टीम इंडिया की पहली पारी को 202 रन पर समेटा जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने एक विकेट पर 35 रन बनाकर अपना पलड़ा कुछ भारी रखा। जेनसन ने 31 रन देकर चार विकेट चटकाए जबकि तेज गेंदबाजों कागिसो रबाडा (64 रन पर तीन विकेट) और डुआने ओलीवियर (64 रन पर तीन विकेट) ने उनका अच्छा साथ निभाया। दिन का खेल खत्म होने से पहले दक्षिण अफ्रीका ने ऐडन मार्कराम (07) का विकेट गंवाया जिन्हें मोहम्मद शमी (15 रन पर एक विकेट) ने पगबाधा आउट किया। स्टंप के समय कीगन पीटरसन और कप्तान डीन एल्गर दोनों जीवनदान का फायदा उठाकर क्रमश: 14 और 11 रन बनाकर खेल रहे थे। दक्षिण अफ्रीका की टीम अब भी भारत से 167 रन से पीछे है।
भारत की ओर से टेस्ट कप्तान के रूप में पदार्पण कर रहे कार्यवाहक कप्तान लोकेश राहुल (133 गेंद में 50 रन, नौ चौके) और रविचंद्रन अश्विन (50 गेंद में 46 रन, छह चौके) ही टिककर बल्लेबाजी कर पाए। सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (26) लय में दिखे लेकिन अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे। भारत को मध्यक्रम की नाकामी का एक बार फिर खामियाजा भुगतना पड़ा। चेतेश्वर पुजारा (33 गेंद में तीन रन) और अजिंक्य रहाणे (00) की विफलता का क्रम जारी रहा। लगभग एक साल बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हनुमा विहारी (20) भी क्रीज पर पैर जमाने के बाद पवेलियन लौटे। दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और शमी ने चौथे ओवर में ही मार्कराम को पगबाधा कर दिया। एल्गर इससे पहले जसप्रीत बुमराह के ओवर में भाग्यशाली रहे जब यह तेज गेंदबाज अपनी ही गेंद पर उनका कैच लपकने में नाकाम रहा।
Read more : मध्यप्रदेश में आज 221 कोरोना मरीज मिले, एक दिन में 10 लाख लोगों को लगी वैक्सीन
पीटरसन भी 12 रन के निजी स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब विकेटकीपर ऋषभ पंत ने उनका कैच टपका दिया। इस बार भी दुर्भाग्यशाली गेंदबाज बुमराह ही थे। दिन के खेल के अंतिम लम्हों में तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज की पैर की मांसपेशियों में खिंचाव आया और उन्हें मैदान छोड़कर जाना पड़ा। भारत को दुआ करनी होगी कि उनकी चोट अधिक गंभीर नहीं हो और वह कल गेंदबाजी कर पाएं। भारत के लिए मुकाबले की शुरुआत अच्छी नहीं रही जब नियमित कप्तान विराट कोहली पीठ के ऊपरी हिस्से में जकड़न के कारण मैच से बाहर हो गए।
राहुल ने मुश्किल परिस्थितियों में पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और अग्रवाल के साथ मिलकर पहले घंटे में मेजबान टीम के गेंदबाजों को सफलता से महरूम रखा। अग्रवाल अच्छी लय में दिखे और उन्होंने पांच चौके जड़े। वह हालांकि जेनसन की आफ साइड से बाहर की ओर मूव होती गेंद पर ड्राइव लगाने की कोशिश में विकेटकीपर काइल वेरेने को कैच दे बैठे। इंग्लैंड के लिए खेलने की उम्मीद छोड़ चुके ओलीवियर ने दक्षिण अफ्रीका के लिए तीन साल बाद पहला टेस्ट खेलते हुए लगातार गेंदों पर पुजारा और रहाणे को आउट करके लंच तक भारत का स्कोर तीन विकेट पर 53 रन किया।
Read more : संन्यास के बाद मोहम्मद हफीज ने खोली पाक टीम की पोल, PCB पर भी निकाली भड़ास
पुजारा एक बार फिर रन बनाने के लिए जूझते दिखे। उछाल लेती गेंदों के खिलाफ वह असहज नजर आए और अंतत: ओलीवियर की इसी तरह की गेंद पर आउट हुए। हाणे ने ओलीवियर की आफ स्टंप के बाहर की पहली ही गेंद से छेड़छाड़ की कोशिश की और 11वें टेस्ट में इस तेज गेंदबाज का 50वां शिकार बने। कीगन पीटरसन ने स्लिप में उनका आसान कैच लपका। राहुल और विहारी ने इसके बाद पारी को आगे बढ़ाया। विहारी ने लंच के बाद लुंगी एनगिडी पर चौके के साथ सकारात्मक शुरुआत की। वह हालांकि इसी तेज गेंदबाज के ओवर में भाग्यशाली रहे जब गेंद को हवा में खेल गए लेकिन प्वाइंट पर खड़े तेंबा बावुमा ने आसान कैच टपका दिया। विहारी और राहुल ने इस बीच कुछ आकर्षक शॉट खेले। एल्गर ने रबाडा को गेंदबाजी में वापसी कराई और उनकी उछाल लेती गेंद ने मेजबान टीम को एक और सफलता दिला दी। गेंद विहारी के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर हवा में उछली और शॉर्ट लेग पर खड़े रेसी वान डेर दुसें ने उनका शानदार कैच लपका।
राहुल भी शॉर्ट गेंदों के खिलाफ कुछ मौकों पर असहज दिखे। उन्होंने रबाडा पर चौके और फिर एनगिडी पर एक रन के साथ 128 गेंद में 13वां अर्धशतक पूरा किया। राहुल अर्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद जेनसन की आफ साइड से बाहर की गेंद को पुल करने की कोशिश में बाउंड्री पर रबाडा को कैच दे बैठे। पंत (17) और अश्विन ने चाय तक भारत को और झटके नहीं लगने दिए। अश्विन ने एनगिडी पर दो चौकों के साथ शुरुआत की और फिर जेनसन और केशव महाराज की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए।
चाय के विश्राम के बाद पंत ने जेनसन की गेंद पर विकेटकीपर को कैच थमाया जबकि शारदुल ठाकुर अगले ओवर में खाता खोले बिना ओलीवियर की गेंद पर स्लिप में पीटरसन को कैच दे बैठे। अश्विन ने रबाडा और ओलीवियर की गेंद को बाउंड्री तक पहुंचाया लेकिन शमी (09) ने रबाडा को उन्हीं की गेंद पर कैच थमा दिया। अगले ओवर में अश्विन भी जेनसन की गेंद को हवा में लहराकर पीटरसन के हाथों लपके गए। बुमराह (नाबाद 14) ने रबाडा के ओवर में दो चौकों और छक्के के साथ टीम का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया लेकिन इस तेज गेंदबाज ने अपने अगले ओवर में मोहम्मद सिराज (01) को विकेटकीपर के हाथों कैच कराके भारतीय पारी का अंत किया।