नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) भारतीय रेलवे से जुड़े करीब 100 पहलवानों को डर है कि वे छह दिसंबर से शुरू होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पायेंगे क्योंकि उनके विभाग ने अभी तक बेंगलुरु में होने वाली प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां भेजने के बारे में स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
इस अस्पष्टता के कारण कुछ पहलवानों को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को हलफनामा देने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है कि वे अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं क्योंकि रेलवे ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए टीमें नहीं भेजने का फैसला किया है।
पर उनके लिए राज्य की टीम का प्रतिनिधित्व करना मुश्किल होगा क्योंकि इसके लिए उन्हें रेलवे से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की जरूरत होगी और उसके अपने कर्मचारियों पर ऐसी कोई कृपादृष्टि करने की संभावना नहीं है।
रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) भी डब्ल्यूएफआई के साथ सेना खेल नियंत्रण बोर्ड (एसएससीबी) और राज्य संघों की तरह मान्यता प्राप्त एक महत्वपूर्ण इकाई है।
दिलचस्प बात यह है कि आरएसपीबी सचिव प्रेम चंद लोचब डब्ल्यूएफआई के महासचिव भी हैं।
पीटीआई ने इस पर टिप्पणी के लिए लोचब से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया और संदेश का भी कोई जवाब नहीं दिया।
खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित किया हुआ है लेकिन उसे कर्नाटक कुश्ती संघ द्वारा कोरमंगला इंडोर स्टेडियम में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन से नहीं रोका गया है।
भाषा नमिता पंत
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