भारत को दोहरे अंक में पदक दिलाने का दारोमदार निराशनेबाजों पर: सुमरिवाला |

भारत को दोहरे अंक में पदक दिलाने का दारोमदार निराशनेबाजों पर: सुमरिवाला

भारत को दोहरे अंक में पदक दिलाने का दारोमदार निराशनेबाजों पर: सुमरिवाला

:   Modified Date:  July 19, 2024 / 04:03 PM IST, Published Date : July 19, 2024/4:03 pm IST

नयी दिल्ली, 19 जलाई (भाषा) भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला को उम्मीद है कि पेरिस ओलंपिक में भारत अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दोहरे अंक में पदक जीत सकता है लेकिन इसके लिए निशानेबाजों को अच्छा करना होगा।

सुमरिवाला ने वेदांत दिल्ली हाफ मैराथन की घोषणा के लिए गुरुवार रात को आयोजित कार्यक्रम से इतर कहा कि उन्हें निशानेबाजों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है और अगर ऐसा हुआ तो भारत आसानी से 10 या उससे अधिक पदक जीत सकता है।

भारत ने तोक्यो ओलंपिक में एक स्वर्ण सहित सात पदक के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

सुमरिवाला ने कहा, ‘‘ हम कितने पदक जीतेंगे मैं इसे लेकर कोई संख्या नहीं बता सकता लेकिन मुझे लगता है कि हम इस ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे निशानेबाजों से इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है और अगर वे ऐसा करने में सफल रहे तो हम आसानी से दो अंक (10 या उससे अधिक) में पदक जीतेंगे। मैं कोई निश्चित संख्या नहीं बता सकता हूं लेकिन खिलाड़ियों के प्रदर्शन के विश्लेषण पर हमें अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद है।’’

निशानेबाजी में भारत के 21 खिलाड़ियों ने ओलंपिक कोटा हासिल किया है। तोक्यो ओलंपिक में भी भारत के 15 निशानेबाजों ने हिस्सा लिया था लेकिन कोई भी पदक नहीं जीत पाया था।

सुमरिवाला से पूछा गया कि एथलेटिक्स में भारत के इक्का-दुक्का खिलाड़ियों को छोड़कर किसी का भी आंकड़ा विश्व के बड़े एथलीटों के करीब नहीं है ऐसे में उनसे पदक की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

सुमरिवाला ने कहा कि स्पर्धा के दिन अतीत के आंकड़े कोई मायने नहीं रखते और सब कुछ उस दिन विशेष के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।

उन्होंने चोपड़ा का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘ ओलंपिक जैसे आयोजन में काफी कुछ उस दिन के प्रदर्शन पर आधारित होता है। पिछले ओलंपिक और फिर विश्व चैंपियनशिप में भाला फेंक में तीन ऐसे खिलाड़ी थे जिनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 90 मीटर से अधिक का रहा है लेकिन नीरज चोपड़ा दोनों जगह पदक जीतने में सफल रहे। एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों में भी ऐसा ही हुआ जहां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के मामले में चौपड़ से बेहतर करने वाले खिलाड़ी थे लेकिन प्रतियोगिता के दिन चोपड़ा ने सब को पछाड दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ओरेगन (विश्व एथलेटिक्स चैम्पियन 2022) में 3000 स्टीपलचेज में 8.20 मिनट ( 8.25:13 मिनट, मोरोक्को के सुफियान अल बकाली) का समय लेने वाला खिलाड़ी स्वर्ण जीता था लेकिन अविनाश साबले का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8.10 मिनट (8.09:91 मिनट) के आस-पास है। ऐसे में खेल में कुछ भी हो सकता है।’’  

 पेरिस ओलंपिक में एथलेटिक्स में 29 खिलाड़ी भाग ले रहे है जिसमें तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा से पदक के सबसे बड़े दावेदार है। चोपड़ा ओलंपिक पदक जीतने वाले इकलौते भारतीय एथलीट है।

चोपड़ा के निरंतर प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ वह अतीत और भविष्य की चिंता किये बिना मौजूदा समय के बारे में सोचते हैं। वह मौजूदा समय में रहते हैं और यही उसकी सफलता और प्रदर्शन में निरंतरता का सबसे बड़ा कारण है।’’

चोपड़ा ने जांघ की समस्या के कारण आठ जुलाई को पेरिस में डायमंड लीग प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था।

सुमरिवाला से जब उनकी फिटनेस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हर दो-तीन दिन में उसके कोच से बात करता हू। उनके कोच का कहना है कि वह फिट है। मुझे कोच और फिजियो पर भरोसा है। चोपड़ा फिट और ओलंपिक में चुनौती पेश करने के लिए तैयार है।’’

सुमरिवाला ने इस बात पर निराशा जतायी कि कुछ भारतीय कोच विदेशी कोचों के साथ तालमेल नहीं बिठा रहे हैं और इससे खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने 10 साल पहले लंबी कूद और थ्रो (भाला फेंक, चक्का फेंक, तारगोला फेंक) खेलों के लिए विदेशी कोच रखने शुरू किया था। लेकिन हमारे देश के कोच अपनी खामियों के उजागर होने के डर से उनको ठीक से काम नहीं करने दे रहे है। इसमें भी राजनीति हावी है।’’

भाषा आनन्द मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)