(अमित कुमार दास)
नयी दिल्ली, 15 जनवरी ( भाषा ) पिछले कुछ महीनों से अपने जीवन और कैरियर में कई उतार चढाव झेल रहे एच एस प्रणय को संघर्षों ने कड़ी मेहनत करते रहने के लिये प्रेरित किया है और उनके मुताबिक विश्व बैडमिंटन में शीर्ष पर रहने के लिये यह सबसे जरूरी है ।
चोटों और चिकनगुनिया जैसी बीमारी झेल चुके प्रणय पेरिस ओलंपिक में प्री क्वार्टर फाइनल से ही बाहर हो गए थे । इसके बाद इस महीने मलेशिया सुपर 1000 टूर्नामेंट में दूसरे दौर तक पहुंचे ।
इंडिया ओपन में वह दूसरे दौर में हार गए ।
उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले कुछ महीने कठिन रहे लेकिन हालात बेहतर हो रहे हैं । मुझे अपने खेल में भी सुधार दिख रहा है । मुझे लगता है कि लगातार शीर्ष स्तर पर ब्रेक के बिना अच्छा खेल पाना कठिन चुनौती है ।’’
प्रणय ने कहा ,‘‘ चिकनगुनिया के बाद सामान्य हो पाना कठिन था । मैं 60 से 70 प्रतिशत ही फिट हूं । मेरे लिये सर्किट पर लगातार खेलते रहना जरूरी है । मलेशिया में प्रदर्शन ठीक ठाक रहा लेकिन उसके बाद फिट चोट लग गई । मुझे सर्किट पर लौटकर अच्छा लग रहा है । आज अच्छा नहीं खेल सका लेकिन मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं । अभी शुरूआत ही हुई है और फोकस लगातार अच्छा खेलने पर है ।’’
32 वर्ष के इस खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ मुझे खेलते रहना पसंद है । मुझे पता है कि विश्व में शीर्ष 30 में पहुंचना आसान नहीं है । शीर्ष स्तर पर औसत उम्र 23 . 24 साल है लिहाजा शारीरिक तौर पर फिट रहना बहुत जरूरी है । कुछ लोगों को लगता होगा कि बैडमिंटन खेलना आसान है लेकिन असल में इसमें काफी ताकत लगती है । ’’
अब वह यूरोपीय सर्किट पर फरवरी के अंत में जर्मन ओपन खेलेंगे ।
भाषा मोना
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