नई दिल्ली। Yuvraj Singh : क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक खास जगह बनाने वाले पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह आज अपना 41वां बर्थडे बना रहे हैं। हर कोई मंटा है कि युवराज सिंह एक बेहतरीन खिलाड़ी है। युवराज सिंह ने अपने दम पर टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं। 2007 टी-20 विश्व कप और 2011 के वनडे विश्व कप में युवी का योगदान दुनियाभर के क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूल पाएंगे। लेफ्ट हैंडड ऑलराउंडर युवराज सिंह ने इस दोनों टूर्नामेंट में धमाकेदार प्रदर्शन किया था। दोनों टूर्नामेंट में युवी का शानदार प्रदर्शन टीम इंडिया के खिताबी जीत में काफी अहम रहा। बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद युवी को सम्मानजनक विदाई नहीं मिली।
दरअसल, जून 2017 में खेला गया वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मुकाबला युवराज सिंह के इंटरनेशनल करियर का आखिरी खेल साबित हुआ था। उसके बाद युवी टीम से ड्रॉप कर दिए गए। दो साल तक चांस नहीं मिलने के बाद 10 जून 2019 को युवी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। बात करें उनके खेल के करियर की तो इतने शानदार रिकॉर्ड होने के बावजूद युवराज सिंह कभी कप्तानी नहीं कर पाए। हालांकि, बताया जाता है कि 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में पहले युवराज को कप्तान बनाने की बात हुई थी, लेकिन बाद में महेंद्र सिंह धोनी को टीम का कप्तान बना दिया गया था। युवराज टीम इंडिया की कप्तानी नहीं कर पाने और टीम से ड्रॉप होने जैसे मुद्दों को लेकर पहले ही अपना दर्द बयां कर चुके हैं।
Read More : सड़क पर उतरे स्वास्थ्य कर्मचारी, नियमितीकरण-वेतनमान समेत इन मांगों को लेकर दिया अल्टीमेटम
Yuvraj Singh : एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में युवराज सिंह ने कहा था कि, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि 8-9 मैचों में से 2 में ‘मैन ऑफ द मैच’ रहने के बाद मुझे ड्रॉप कर दिया जाएगा। मैं चोटिल हो गया और मुझे बताया गया श्रीलंका सीरीज के लिए तैयार रहें। फिर अचानक यो-यो टेस्ट की तस्वीर सामने आ गई। मेरे चयन में यह यू-टर्न था। 36 साल की उम्र में अचानक मुझे वापस जाना पड़ा और यो-यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी। इसके बाद भी जब मैंने यो-यो टेस्ट को क्लियर किया, तो बताया गया कि मुझे घरेलू क्रिकेट खेलना है।’
इसके आगे अपना दुःख जाहिर करते हुए युवराज सिंह ने कहा कि, ‘भारत 2007 के वनडे विश्व कप से बाहर हो गया था। उस वक्त भारतीय क्रिकेट में काफी उथल-पुथल मची हुई थी। उसी दौरान हमें इंग्लैंड का दौरा करना था। साउथ अफ्रीका और आयरलैंड के साथ एक महीने का दौरा भी था। इसके अलावे हमें टी20 वर्ल्ड कप भी खेलना था। ऐसे में टीम को 4 महीने तक विदेश में रहना था।’
युवी ने बताया कि, ‘टी20 वर्ल्ड कप से पहले टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने ब्रेक लेने का सोचा और उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप को गंभीरता से नहीं लिया। मुझे लगा कि सभी सीनियर्स के आराम करने के बाद मैं टी20 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करूंगा और इसकी मुझे पूरी उम्मीद थी। बाद में यह घोषणा की गई कि महेंद्र सिंह धोनी टूर्नामेंट में भारत के कप्तान होंगे।’
पुणेरी पलटन ने बंगाल वॉरियर्स को 51-34 से हराया
34 mins agoआर अश्विन का कई तरह से इस्तेमाल कर सकती है…
44 mins ago