बीएफआई ने चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल से अनुराग ठाकुर का नाम हटाया |

बीएफआई ने चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल से अनुराग ठाकुर का नाम हटाया

बीएफआई ने चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल से अनुराग ठाकुर का नाम हटाया

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Modified Date: March 12, 2025 / 05:44 PM IST
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Published Date: March 12, 2025 5:44 pm IST

नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने 28 मार्च को होने वाले चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल करने के लिए अनुराग ठाकुर के नामांकन को बुधवार को खारिज कर दिया और कहा कि पूर्व खेल मंत्री हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के पात्र नहीं हैं।

हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ ने चुनाव के लिए ठाकुर और उपाध्यक्ष राजेश भंडारी के नाम भेजे थे।

बीएफआई ने 60 सदस्यीय निर्वाचक मंडल की सूची जारी की जिसे जांच के बाद अंतिम रूप दिया गया।

बीएफआई ने निर्णय की व्याख्या करते हुए कहा, ‘‘अनुराग सिंह ठाकुर (हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ) का नाम राज्य इकाई ने भेजा था। हालांकि उन्हें भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के सात मार्च 2025 के नोटिस और भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के उल्लंघन के कारण अयोग्य पाया गया है।’’

सभी संबद्ध राज्य संघों को भेजे गए सात मार्च के नोटिस में कहा गया था कि चुनाव एजीएम (बीएफआई को विधिवत अधिसूचित) के दौरान बीएफआई से संबद्ध राज्य इकाइयों के केवल वास्तविक और विधिवत निर्वाचित सदस्य ही अपने संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत होंगे।

बीएफआई के एक सूत्र ने कहा, ‘‘ठाकुर हिमाचल प्रदेश राज्य संघ के निर्वाचित सदस्य नहीं हैं इसलिए उनका नाम खारिज कर दिया गया है। सभी नामों की जांच करना और योग्य उम्मीदवारों की सूची निर्वाचन अधिकारी को भेजना बीएफआई का काम है जो अब सूची को अपलोड करेंगे।’’

बीएफआई ने लैरी खारप्रान (मेघालय) और आशीष कुमार साहा (त्रिपुरा) के नामों को भी इसी कारण से खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि दिल्ली राज्य संघ द्वारा भेजे गए दो नाम रोहित जैनेंद्र जैन और नीरज कांत भट निर्वाचन अधिकारी से मंजूरी के अधीन थे।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बीएफआई द्वारा समय पर चुनाव कराने में विफल रहने के बाद देश में मुक्केबाजी के दैनिक कामकाज की देखरेख के लिए पांच सदस्यीय तदर्थ पैनल का गठन किया था।

हालांकि महासंघ द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील किए जाने पर चार मार्च को न्यायालय ने इस आदेश पर रोक लगा दी और इस कदम को ‘मनमाना और अवैध’ करार दिया।

बीएफआई को दो फरवरी 2025 को या उससे पहले चुनाव कराने थे।

भाषा सुधीर आनन्द

आनन्द

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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