अर्जुन पुरस्कार एक उपलब्धि लेकिन मेरा लक्ष्य शीर्ष 10 में जगह बनाना: वंतिका |

अर्जुन पुरस्कार एक उपलब्धि लेकिन मेरा लक्ष्य शीर्ष 10 में जगह बनाना: वंतिका

अर्जुन पुरस्कार एक उपलब्धि लेकिन मेरा लक्ष्य शीर्ष 10 में जगह बनाना: वंतिका

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Modified Date: January 3, 2025 / 08:37 PM IST
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Published Date: January 3, 2025 8:37 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) भारत की उभरती शतरंज खिलाड़ी वंतिका अग्रवाल ने अर्जुन पुरस्कार जीतने को अपने करियर के ‘सबसे बड़े क्षणों’ में से एक करार देते हुए कहा कि उनका अगला बड़ा लक्ष्य ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल करने के साथ महिला खिलाड़ियों की वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाना है।

वंतिका ने कहा, ‘‘अर्जुन पुरस्कार पाकर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। यह पुरस्कार हासिल करना मेरे करियर के सबसे सुखद पलों में से एक है। यह मेरे जीवन में एक प्रमुख व्यक्तिगत मील का पत्थर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सम्मान मेरी कड़ी मेहनत, मेरे कोचों के समर्पण और मेरे परिवार और गुरुओं के अटूट समर्थन का प्रमाण है।’’

वंतिका के नाम अभी 2411 अंक हैं। उन्होंने 2024 में भारत की ऐतिहासिक शतरंज ओलंपियाड जीत के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। वह इस दौरान 13 ईएलओ अंक हासिल कर वैश्विक रैंकिंग में 12 स्थान सुधार करने में सफल रही।

उन्होंने कहा, ‘‘अब मेरा लक्ष्य ग्रैंडमास्टर का तमगा हासिल कर महिलाओं की रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाना है।’’

भारतीय स्क्वाश खिलाड़ी अभय सिंह को इंग्लैंड में प्रशिक्षण के लिए कैब में जाते समय एक बधाई संदेश मिला जिससे उन्हे अर्जुन पुरस्कार के लिए चुने जाने का पता चला।

इस साल विश्व रैंकिंग में शीर्ष 30 में जगह बनाने का लक्ष्य रखने वाले 25 वर्षीय खिलाड़ी ने इस सम्मान को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार देते हुए कहा, ‘‘ हां, यह एक बड़ी उपलब्धि है। हो सकता है कि जब मैं 17 तारीख को वहां पहुंचूं तो यह मुझे और अधिक प्रभावित करे। मैं अभी इंग्लैंड में ठंड में एक प्रशिक्षण शिविर में रुका हुआ हूं, इसलिए इसे प्राप्त करना थोड़ा कठिन है । ’’

एशियाई खेल 2023 में टीम स्वर्ण और मिश्रित युगल में कांस्य पदक जीतने वाले दुनिया के 54वें नंबर के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘यह पुरस्कार मेरी टीम और परिवार के बलिदानों और मुझमें उनके निवेश के लिए है। मुझे उम्मीद है कि वे खुश और गौरवान्वित होंगे।’’

अभय से जब पूछा गया कि उन्हें पुरस्कार के बारे में कैसे पता चला, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रशिक्षण के लिए कैब से जाते समय झपकी ले रहा था तभी किसी ने मुझे बधाई संदेश भेजा। ईमानदारी से कहूं तो मुझे इस पुरस्कार के लिए चुने जाने का इसी तरह से पता चला।’’

भाषा आनन्द नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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