तीरंदाज शीतल रैंकिंग दौर में दूसरे स्थान पर रहीं |

तीरंदाज शीतल रैंकिंग दौर में दूसरे स्थान पर रहीं

तीरंदाज शीतल रैंकिंग दौर में दूसरे स्थान पर रहीं

:   Modified Date:  August 29, 2024 / 08:49 PM IST, Published Date : August 29, 2024/8:49 pm IST

पेरिस, 29 अगस्त (भाषा) भारत की बिना बांह की तीरंदाज शीतल देवी बृहस्पतिवार को यहां महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन रैंकिंग दौर में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरे स्थान पर रहीं जिससे उन्हें पेरिस पैरालंपिक के राउंड ऑफ 16 में सीधे प्रवेश किया।

जम्मू-कश्मीर की 17 साल की शीतल का जन्म बिना बांह के हुआ था और वह अपने पैरों से तीरंदाजी करती हैं। शीतल ने 720 अंक में से 703 अंक जुटाए और तुर्की की ओजनुर गिर्डी क्यूर के बाद दूसरे स्थान पर रहीं। ओजनुर ने 704 अंक के साथ रैंकिंग दौर का विश्व रिकॉर्ड बनाया।

शीतल ने भी इसी महीने बनाए ग्रेट ब्रिटेन की फोएबे पाइन पेटरसन के 698 के रैंकिंग दौर के विश्व रिकॉर्ड को पार कर लिया था लेकिन बाद में ओजनुर ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।

शीतल सहित रैंकिंग दौर में शीर्ष चार पर रहने वाली तीरंदजों को राउंड ऑफ 32 में बाई और वह अब शनिवार को राउंड ऑफ 16 में हिस्सा लेंगी।

शीतल चिली की मारियाना जुनिगा और कोरिया की चोई ना मी के बीच होने वाले राउंड ऑफ 32 की विजेता से भिड़ेंगी। ये दोनों तीरंदाज रैंकिंग दौर में क्रमश: 15वें और 18वें स्थान पर रही।

जुनिगा ने तोक्यो पैरालंपिक की महिला व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन स्पर्धा में रजत पदक जीता था।

शीतल ने पिछले साल चीन के हांगझोउ में पैरा एशियाई खेलों में एक ही सत्र में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचा था। उन्होंने रजत पदक के रूप में तीसरा पदक भी जीता था।

उन्होंने हांगझोउ में महिला व्यक्तिगत कंपाउंड और मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा महिला युगल में रजत पदक जीता।

शीतल का जन्म फोकोमेलिया सिंड्रोम नामक दुर्लभ जन्मजात विकार के साथ हुआ था जिसके कारण उनके अंग अविकसित रह गए थे।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता

 

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