नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को बताया गया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की ‘प्लेयर्स स्टेटस कमेटी (पीएससी)’ भारत के डिफेंडर अनवर अली को निलंबित करने का अपना आदेश वापस ले लेगी।
एआईएफएफ की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति संजीव नरूला के समक्ष कहा कि इस मुद्दे पर शनिवार को समिति द्वारा नए सिरे से विचार किया जाएगा और सभी पक्षों को सुनने के बाद ‘विस्तृत आदेश’ पारित किया जाएगा।
अदालत पीएससी के फैसले के खिलाफ अली और उनकी वर्तमान टीम ईस्ट बंगाल और मूल क्लब दिल्ली एफसी की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
एआईएफएफ की पीएससी ने 10 सितंबर को इस डिफेंडर को ‘दोषी’ करार देते हुए चार महीने के निलंबन की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उसने अली और दोनों क्लबों को मोहन बागान को 12.90 करोड़ रुपये का भारी मुआवजा देने को कहा था।
पीएससी ने अनवर की मूल क्लब दिल्ली एफसी और ईस्ट बंगाल पर अगले दो विंडो (2024-25 शीतकालीन और 2025-26 ग्रीष्मकालीन) में नये खिलाड़ियों से करार करने पर भी रोक लगा दी थी।
अदालत ने सुनवाई के दौरान समिति द्वारा शिकायतकर्ता को बताए गए कारणों की कमी पर एआईएफएफ से सवाल करने के साथ महासंघ के वकील से सभी पक्षों को नए सिरे से सुनवाई का अवसर देने के निर्देश मंगवाने को कहा।
एआईएफएफ के वकील ने बाद में अदालत को सूचित किया, ‘‘मुझे यह कहने का निर्देश दिया गया है कि एआईएफएफ पीएससी 10 सितंबर के अपने आदेश को वापस ले लेगी। समिति कल (14 सितंबर को) सभी पक्षों की नए सिरे से सुनवाई करेगी।’’
वकील ने कहा, ‘‘मामले की सुनवाई के बाद (समिति) एक विस्तृत आदेश पारित करेगी। इस बीच, यथास्थिति बनी रहेगी।’’
मोहन बागान ने अली के ईस्ट बंगाल से करार करने के फैसले को चुनौती दी थी।
तेईस साल के अली ने पिछले सत्र में मोहन बागान को आईएसएल शील्ड विजेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने रक्षा पंक्ति में शानदार खेल दिखाने के साथ 26 मैचों में तीन गोल भी किये थे।
भाषा आनन्द पंत
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