नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) भारत के लंबी दूरी के धावक प्रधान किरुलकर और विवेक मोरे को प्रतिबंधित पदार्थों के जांच में पॉजिटिव आने पर ‘एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट’ (एआईयू) द्वारा क्रमशः तीन और पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इन दोनों खिलाड़ियों के नमूने 15 दिसंबर 2024 को पुणे हाफ मैराथन के दौरान लिये गये थे।
इससे पहले मंगलवार को अर्चना जाधव को चार साल के लिए प्रतिबंधित किया गया था। इसी स्पर्धा के दौरान लिया गया अर्चना का नमूना भी जांच में पॉजिटिव आया था।
किरुलकर ने 1:04:22 के समय के साथ पुणे हाफ मैराथन जीती थी। नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के दौरान उनके नमूने में ‘मेल्डोनियम’ पाया गया था।
उनकी प्रतिबंध की अवधि चार साल की थी लेकिन डोपिंग उल्लघंन को जल्दी स्वीकार करने के बाद इसे एक साल कम कर दिया गया था। उनकी प्रतिबंध अवधि 19 फरवरी से शुरू हुई है और 15 दिसंबर 2024 के बाद से उनके सभी परिणाम अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे।
चौबीस साल के मोरे का नमूना भी पिछले साल दिसंबर में इसी स्पर्धा में एकत्र किया गया था। उनके नमूने की जांच में ‘मेफेनटेरमाइन, मेल्डोनियम और डीईपीओ’ की पुष्टि हुई।
मोरे को कई प्रतिबंधित पदार्थों के इस्तेमाल के लिए छह साल के लिए निलंबित किया जाना था, लेकिन डोपिंग अपराध को जल्दी स्वीकार करने के कारण उन्हें प्रतिबंध अवधि में एक साल की कमी दी गई।
उनका प्रतिबंध शुक्रवार से शुरू हो गया और 15 दिसंबर 2024 के बाद के उनके सभी परिणामों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
अर्चना के नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ ‘ऑक्सन्ड्रोलोन’ पाया गया। यह ‘सिंथेटिक एनाबॉलिक स्टेरॉयड’ शरीर में प्रोटीन उत्पादन और मांसपेशियों के निर्माण को बढ़ावा देता है। उनका प्रतिबंध इस साल सात जनवरी से लागू हुआ।
भाषा आनन्द नमिता
नमिता
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)