पहला टेस्ट हारने के बाद हमने इंग्लैंड से चार टेस्ट जीते थे : रोहित शर्मा |

पहला टेस्ट हारने के बाद हमने इंग्लैंड से चार टेस्ट जीते थे : रोहित शर्मा

पहला टेस्ट हारने के बाद हमने इंग्लैंड से चार टेस्ट जीते थे : रोहित शर्मा

:   Modified Date:  October 20, 2024 / 02:02 PM IST, Published Date : October 20, 2024/2:02 pm IST

बेंगलुरू, 20 अक्टूबर (भाषा) भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को यकीन है कि न्यूजीलैंड के हाथों पहला टेस्ट आठ विकेट से हारने के बावजूद उनकी टीम उसी तरह वापसी करेगी जैसे इस साल की शुरूआत में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार चार मैच जीतकर की थी ।

पहली पारी में घरेलू टेस्ट में अपने न्यूनतम स्कोर 46 रन पर आउट होने वाली भारतीय टीम ने दूसरी पारी में वापसी की लेकिन आठ विकेट से हार गई ।

रोहित ने मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में कहा ,‘‘ इस तरह के मैच होते हैं । हम इसे भुलाकर आगे बढेंगे । हमने इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच गंवाने के बाद चार मैच जीते हैं । हमें पता है कि हर एक खिलाड़ी को क्या करना है ।’’

उन्होंने स्वीकार किया कि हालात को भांपने में उनसे गलती हुई लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सोचा नहीं था कि भारतीय टीम 46 रन पर आउट हो जायेगी ।

रोहित ने कहा ,‘‘ मैने प्रेस काफ्रेंस में कहा था कि हमें पता था कि शुरूआत में दिक्कत होगी लेकिन हमने यह नहीं सोचा था कि टीम 46 रन पर आउट हो जायेगी । न्यूजीलैंड में अच्छी गेंदबाजी की और हम नाकाम रहे । ’’

उन्होंने कहा ,‘‘ दूसरी पारी में हमने अच्छी बल्लेबाजी की । जब आप 350 रन पीछे हों तो ज्यादा कुछ नहनीं कर सकते । कुछ अच्छी साझेदारियां बनी । हम सस्ते में आउट हो सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ । सरफराज और ऋषभ ने शानदार बल्लेबाजी की । सरफराज ने काफी परिपक्व पारी खेली ।’’

चेन्नई सुपर किंग्स के लिये आईपीएल खेलने वाले रचिन रविंद्र को लाल और काली मिट्टी पर खेलने का अनुभव था जिससे वह रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा का डटकर सामना कर सके ।

पहली पारी में शतक जमाने वाले रविंद्र ने कहा ,‘‘चेन्नई में तैयारियों के दौरान हमने अलग अलग पिचों पर , लाल और काली मिट्टी पर अभ्यास किया जिससे काफी फायदा मिला । ’’

रविंद्र के दादा दादी अभी भी बेंगलुरू में रहते हैं और परिवार के सामने इस तरह की पारी खेलकर उन्हें बहुत अच्छा लगा ।

उन्होंने कहा ,‘‘ यह अच्छा शहर और बल्लेबाजी के लिये अच्छी विकेट थी । परिवार के सामने खेलना जज्बाती था । इससे यह पारी और खास हो गई।’

भाषा मोना

मोना

 

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