लोकसभा में बजट पेश होने के बाद क्या होगा? बेहद आसान शब्दों में जानें सबकुछ | What will happen after the presentation of the budget in the Lok Sabha

लोकसभा में बजट पेश होने के बाद क्या होगा? बेहद आसान शब्दों में जानें सबकुछ

लोकसभा में बजट पेश होने के बाद क्या होगा? बेहद आसान शब्दों में जानें सबकुछ

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 PM IST
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Published Date: February 1, 2021 9:29 am IST

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट लोकसभा में पेश किया। इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट पेश हुआ। कोरोना की महामारी झेल रहे देशवासियों को राहत देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कई सेक्टरों में राहत की घोषणा की है। देश की अर्थव्यवस्था को अब पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री ने पूरजोर कोशिश की है। वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी के बीच देशवासियों को राहत देने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आयकर को लेकर बड़ी घोषणाएं किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया है।

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बजट पास होने के बाद किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। बजट का असर हम सब पर पड़ता है, इसलिए इसे समझना भी बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि बजट को तैयार करने की प्रक्रिया 5 महीने पहले ही शुरू हो जाती है। चलिए आपको बेहद ही असान शब्दों में बताते हैं बजट से जुड़ी ये बड़ी बातें….

बजट जैसा कि आप अपने घर की जरूरतों को लेकर हर महीने एक बजट तैयार करते हैं ठीक उसी तरह से सरकार भी देश को चलाने के लिए हर साल बजट पेश करती है। घर का बजट आमतौर पर महीनेभर का होता है। जिसमें हम अपने एक महीने का इनकम और खर्चें का हिसाब-किताब लगाते है। ठीक इसी तरह सरकार भी देश का बजट होता। सरकार सालभर के खर्च और कमाई का लेखा-जोखा होता है।

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लोकसभा में आज बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ की मंजूरी जरूरी होती है। राष्ट्रपति रामनाथ की मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट के सामने रखा जाता है और उसके बाद संसद के दोनों सदनों में इसे पेश किया है।

बजट की ये तीन बातों को समझा है बेहद जरूरी

बजट में आखिर क्या.क्या होता हैघ् इसे समझने के लिए आपको ये तीन आंकड़ों को जानना होगा। दरअसल बजट पर सरकार तीन तरह के आंकड़े बताती है। पहला बजट एस्टिमेट यानी बजट अनुमान, दूसरा रिवाइज्ड एस्टिमेट यानी संशोधित अनुमान तीसरा और अंतिम एक्चुअल यानी वास्तविक। चलिए आपको बताते हैं ये क्या होते हैं।

पहला बजट एस्टिमेट – ये अगले साल का होता है। जैसा कि इस साल 2021-22 के लिए बजट एस्टिमेट बताया जाएगा। यानी इसमें सरकार 2021.22 में होने वाली कमाई और खर्च का अनुमान बताती है।

दूसरा रिवाइज्ड एस्टिमेट- ये पिछले साल का होता है। इस बार जो बजट पेश हुआ उसमें 2020-21 का रिवाइज्ड एस्टिमेट बताया जाएगा। यानी पिछले बजट में सरकार ने जो अनुमान लगाया था। उस अनुमान के हिसाब से उसकी कितनी कमाई और कितना खर्च हुआ। रिवाइज्ड एस्टिमेट बजट एस्टिमेट से कम.ज्यादा भी हो सकता है।

तीसरा और अंतिम एक्चुअल- ये दो साल पहले का होता है। इस बार बजट में 2019.20 का एक्चुअल बजट बताया जाएगा। यानी 2019-20 में सरकार को असल में कितनी कमाई हुई और कितना खर्च हुआ।

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बजट पेश होने के बाद क्या होता है?

बजट पेश होने के बाद इसे संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा में पास कराना होता है। दोनों सदनों से पास होने के बाद 1 अप्रैल से ये लागू हो जाता है। हमारे देश में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।

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29 को पेश किया था इकोनॉमिक सर्वे

बजट पेश करने से पहले ही सरकार ने इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। सरकार ने 29 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। जिसमें पूरे साल भर के खर्चए कमाईए बचत का हिसाब-किताब लगाते हैं और इससे ही अंदाजा लगाते हैं कि आने वाले वक्त में कैसे खर्च करना है, कैसे कमाना है और कैसे बचाना है। इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वेक्षण में बीते साल का लेखा-जोखा और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान होते हैं। इकोनॉमिक सर्वे को आर्थिक मामलों के विभाग की इकोनॉमिक डिवीजन चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर यानी सीईए की देख-रेख में तैयार करती है। बता दें कि पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था। 1964 तक इसे बजट के साथ ही पेश किया जाता था। लेकिन बाद में इसे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।

1860 को वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया बजट

देश का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्तमंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। यह बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक की अवधि के लिए था। 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया गया था।

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बजट की बड़ी बातें

Budget 2021: मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ा दिया गया है
  • अब इसे 2.5 फीसदी तक किया गया है
  • हालांकि, कॉपर और स्टील में ड्यूटी को घटाया गया है. 
  • वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि सोना-चांदी से भी कस्टम ड्यूटी को घटाया गया है.
  • एक अक्टूबर से देश में नई कस्टम नीति लागू हो रही है. 

Budget 2021: टैक्स स्लैब के लिए निर्मला सीतारमण के ऐलान

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीनियर सिटीजन के लिए स्पेशल ऐलान किया. 75 साल से अधिक उम्र वाले सीनियर सिटीजन को अब टैक्स में राहत दी गई है. अब 75 साल से अधिक उम्र वालों कों ITR नहीं भरना होगा. हालांकि, ये सिर्फ पेंशन लेने वालों को लाभ मिलेगा.
  • एनआरआई लोगों को टैक्स भरने में काफी मुश्किलें होती थीं, लेकिन अब इस बार उन्हें डबल टैक्स सिस्टम से छूट दी जा रही है. 
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि स्टार्ट अप को जो टैक्स देने में शुरुआती छूट दी गई थी, उसे अब 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया गया है.

Budget 2021: राजकोषीय घाटे पर निर्मला ने क्या कहा?

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि राजकोषीय घाटा को 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान है
  • इसके लिए सरकार को 80 हजार करोड़ की जरूरत होगी, जो अगले दो महीनों में बाजार से लिया जाएगा. 

Budget 2021: डिजिटल जनगणना और स्पेश मिशन का ऐलान

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड इस बार PSLV-CS51 को लॉन्च करेगा
  • गगनयान मिशन का मानव रहित पहला लॉन्च इसी साल दिसंबर में होगा
  • ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत एक टर्बियूनल बनाया जाएगा
  • आगामी जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी

Budget 2021: लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि देश में करीब 100 नए सैनिक स्कूल बनाए जाएंगे.
  • लेह में केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाए जाने का ऐलान किया गया है. 
  • अनुसूचित जाति के 4 करोड़ विद्यार्थियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया
  • इसी क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर स्किल ट्रेनिंग पर काम किया जा रहा है, जिससे लोगों को काम मिल सके. 

Budget 2021: कृषि-फिशिंग सेक्टर के लिए ऐलान

  • स्वामित्व योजना को अब देशभर में लागू किया जाएगा
  • एग्रीकल्चर के क्रेडिट टारगेट को 16 लाख करोड़ तक किया जा रहा है.
  • ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का ऐलान किया गया है, जिसमें कई फसलों को शामिल किया जाएगा और किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा.
  • पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार किया जाएगा. तमिलनाडु में फिश लैंडिंग सेंटर का विकास किया जाएगा. 
  • प्रवासी मजदूरों के लिए देशभर में एक देश-एक राशन योजना शुरू की गई है. 
  • एक पोर्टेल की शुरुआत की जाएगी, जिसमें माइग्रेंट वर्कर से जुड़ा डाटा होगा.  
  • महिलाओं को सभी शिफ्ट में काम करने की इजाजत मिलेगी
  • MSME सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान किया गया है और बजट को बढ़ाया गया है.  

Budget 2021: ‘सरकार किसानों के लिए समर्पित’

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि सरकार की किसानों की आय दोगुना करने की ओर काम कर रही है
  • निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया कि यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई है
  • वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है
  • दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई.

इंश्योरेंस सेक्टर में FDI को बढ़ावा

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि अब इंश्योरेंस क्षेत्र में 74 फीसदी तक FDI हो सकेगी
  • पहले यहां पर सिर्फ 49 फीसदी तक की ही इजाजत थी. इसके अलावा निवेशकों के लिए चार्टर बनाने का ऐलान किया गया है.
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्ट अप कंपनियों के लिए ऐलान किया. 
  • इसके तहत करीब एक फीसदी कंपनियों को बिना किसी रोक-टोक के शुरुआत में काम करने की मंजूरी दी जाएगी.

हेल्थ के लिए

  • न्यूट्रिशन पर भी ध्यान दिया जाएगा। मिशन पोषण 2.0 शुरू किया जाएगा। वॉटर सप्लाई भी बढ़ाएंगे। 5 साल में 2.87 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • शहरी इलाकों के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया जाएगा। शहरी स्वच्छ भारत मिशन पर 1.48 लाख करोड़ 5 साल में खर्च होंगे।
  • निमोकोक्कल वैक्सीन को देशभर में शुरू किया जाएगा। इससे 50 हजार बच्चों की हर साल जान बचाई जा सकेगी।

इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट की जरूरत है। इसके लिए एक बिल लाया जाएगा। 20 हजार करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे ताकि 5 लाख करोड़ रुपए का लैंडिंग पोर्टफोलियो 3 साल में बनाया जा सके।
  • पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को मॉनेटाइज करने पर ध्यान दिया जाएगा। नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन लॉन्च होगी। इसका एक डैशबोर्ड बनेगा ताकि इस मामले में हो रही तरक्की को देखा जा सके।
  • नेशनल हाईवेज अथॉरिटीज भी अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करेंगी। रेलवे भी फ्रेट कॉरिडोर को मॉनेटाइज करेगी। आगे जो भी एयरपोर्ट बनेंगे, उनमें भी मॉनेटाइजेशन पर ध्यान दिया जाएगा।

रेलवे के लिए

  • रेलवे ने नेशनल रेल प्लान 2030 बनाया है ताकि फ्यूचर रेडी रेलवे सिस्टम बनाया जा सके और लॉजिस्टिक कॉस्ट कम की जा सके। जून 2022 तक ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। सोमनगर-गोमो सेक्शन पीपीपी मोड में बनाया जाएगा।
  • गोमो-दमकुनी सेक्शन भी इसी तरह बनेगा। खड़गपुर-विजयवाड़ा, भुसावल-खड़गपुर, इटारसी-विजयवाड़ा में फ्यूचर रेडी कॉरिडोर बनाए जाएंगे। दिसंबर 2023 तक 100% ब्रॉडगेज का इलेक्ट्रिफिकेशन होगा।
  • विस्टा डोम कोच शुरू होंगे ताकि यात्रियों को अच्छा अनुभव हो। हाई डेंसिटी नेटवर्क, हाई यूटिलाइज नेटवर्क पर ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम शुरू किए जाएंगे। ये सिस्टम देश में बनेंगे।
  • 1.10 लाख करोड़ रुपए रेलवे को दिए जा रहे हैं। 1.07 लाख करोड़ रुपए सिर्फ कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए हैं।​​​​​​

मेट्रो के लिए

  • शहरी इलाकों में बस ट्रांसपोर्ट सिस्टम शुरू किया जाएगा। 20 हजार बसें तैयार होंगी। इससे ऑटो सेक्टर को मदद मिलेगी और रोजगार बढ़ेगा।
  • 702 किमी मेट्रो अभी चल रही हैं। 27 शहरों में कुल 1016 किमी मेट्रो पर काम चल रहा है। कम लागत से टियर-2 शहरों में मेट्रो लाइट्स और मेट्रो नियो शुरू होंगी।
  • कोच्चि मेट्रो में 1900 करोड़ की लागत से 11 किमी हिस्सा बनाया जाएगा। चेन्नई में 63 हजार करोड़ रुपए की लागत से 180 किमी लंबा मेट्रो रूट बनेगा।
  • बेंगलुरु में भी 14788 करोड़ रुपए से 58 किमी लंबी मेट्रो लाइन बनेगी। नागपुर 5976 करोड़ और नासिक में 2092 करोड़ से मेट्रो बनेगा।

चुनाव वाले 3 राज्यों के लिए

  • भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए 3.3 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाए जाएंगे। 3500 किमी नेशनल हाईवेज प्रोजेक्ट के तहत तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका कंस्ट्रक्शन अगले साल शुरू होगा।
  • 1100 किमी नेशनल हाईवे केरल में बनेंगे। इसके तहत मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर भी बनेगा। केरल में इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • बंगाल में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से हाईवे बनेंगे। कोलकाता-सिलीगुड़ी रोड का अपग्रेडेशन होगा। 34 हजार करोड़ रुपए असम में नेशनल हाईवेज पर खर्च होंगे।