प्राथमिकी दर्ज कराने से रोकने के लिए थाने में किया गया धार्मिक आयोजन: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई |

प्राथमिकी दर्ज कराने से रोकने के लिए थाने में किया गया धार्मिक आयोजन: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई

प्राथमिकी दर्ज कराने से रोकने के लिए थाने में किया गया धार्मिक आयोजन: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई

:   Modified Date:  July 18, 2024 / 11:25 PM IST, Published Date : July 18, 2024/11:25 pm IST

भोपाल, 18 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश में कांग्रेस और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता बृहस्पतिवार को नर्सिंग कॉलेजों के कथित घोटाले के सिलसिले में एक पुलिस थाने के बाहर आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की।

कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख जीतू पटवारी ने कहा कि वह और पार्टी कार्यकर्ता भाजपा नेता विश्वास सारंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने अशोका गार्डन थाने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि वे प्राथमिकी दर्ज नहीं करा सके क्योंकि सुंदरकांड पाठ के लिए जगह पर बैरिकेडिंग की गई थी।

सारंग शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे, जब कथित अनियमितताएं हुईं।

पटवारी ने आरोप लगाया कि सुंदरकांड का पाठ जानबूझकर आयोजित किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कांग्रेस सारंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज ना करा सके। सारंग वर्तमान में मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार में सहकारिता, खेल और युवा कल्याण मंत्री हैं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने के सामने धरना दिया। इस बीच भाजपा की कई महिला पदाधिकारी थाने पहुंच गईं। उनमें से कई के हाथों में तख्तियां थीं। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार और उप नेता हेमंत कटारे पर पहले भी यौन उत्पीड़न के आरोप लग चुके हैं।

कांग्रेस नेताओं द्वारा सारंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर पुलिस को आवेदन देने के दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और एक-दूसरे पर तख्तियां फेंकी।

राज्य की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘मैं 10 साल तक मुख्यमंत्री रहा। कहीं नहीं लिखा है कि थाने में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जा सकता है। मुझे बताया गया है कि यह जन्मदिन मनाने के लिए आयोजित किया गया था। अब हम भी अपने कार्यकर्ताओं का जन्मदिन थाने में मनाएंगे।’’

प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले सिंह ने कहा, ‘‘संविधान हमें समान अधिकार देता है। और संविधान को बनाए रखना पुलिस का कर्तव्य है। सुंदर कांड आयोजन स्थल से एक पुराना जूता फेंका गया जो एक पुलिसकर्मी को लगा। यह सब संविधान की भावना के खिलाफ है। मैं शुक्रवार को भोपाल पुलिस आयुक्त से मिलकर पता करूंगा कि सुंदरकांड पाठ का आयोजन कानून के अनुसार था या नहीं।’’

सिंह ने दावा किया कि नर्सिंग घोटाला सारंग के कार्यकाल में हुआ था, जब शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।

संपर्क किए जाने पर भोपाल सिटी जोन-एक की पुलिस उपायुक्त प्रियंका शुक्ला ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अशोका गार्डन थाने के अंदर एक हनुमान मंदिर है और सुंदरकांड पाठ का आयोजन नरेश यादव नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता के जन्मदिन के उपलक्ष्य में किया गया था।

शुक्ला ने कहा, ‘‘कुछ थाना परिसरों में अन्य धार्मिक स्थल भी हैं। इस टकराव को लेकर थाने के प्रभारी निरीक्षक को नोटिस दिया गया है।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सुंदरकांड पाठ के आयोजन स्थल से जूता फेंका गया था या नहीं।

पटवारी ने कहा कि जब तक सारंग इस्तीफा नहीं देते, तब तक कांग्रेस का विरोध जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मी भाजपा कार्यकर्ता बन रहे हैं।

सिंघार ने कहा कि भाजपा अपनी पार्टी की ‘खाल’ बचाने के लिए महिलाओं को आगे कर रही है। विपक्ष के नेता ने दावा किया, ‘‘हम अगले चार दिनों में सारंग से जुड़े एक और घोटाले का पर्दाफाश करने जा रहे हैं।’’

कई कॉलेजों के कामकाज में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्य भर में 308 संस्थानों का निरीक्षण किया। एजेंसी ने 169 कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी, लेकिन सीबीआई के दो अधिकारियों को अनुकूल रिपोर्ट के लिए कुछ संस्थानों से रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े जाने के बाद 30 मई को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एजेंसी को इन 169 कॉलेजों का फिर से निरीक्षण करने के लिए कहा।

भाषा दिमो आशीष

आशीष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)