कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के लिए नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य नहीं : मध्य प्रदेश सरकार |

कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के लिए नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य नहीं : मध्य प्रदेश सरकार

कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के लिए नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य नहीं : मध्य प्रदेश सरकार

:   Modified Date:  July 22, 2024 / 03:02 PM IST, Published Date : July 22, 2024/3:02 pm IST

भोपाल, 22 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसने राज्य में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया है।

यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों पर दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के निर्देश को लेकर उत्तर प्रदेश में विवाद के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने शहरी निकायों से किसी भी तरह का भ्रम फैलाने से बचने को कहा है।

शहरी विकास एवं आवास विभाग (यूडीएचडी) ने रविवार रात एक बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट की। इससे कुछ दिन पहले उज्जैन के महापौर ने दावा किया था कि दुकानदारों को बोर्ड पर अपना नाम और फोन नंबर प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है।

यूडीएचडी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नाम बोर्ड पर लिखने के संबंध में राज्य सरकार के स्तर पर कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।

उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल ने पिछले सप्ताह महापौर परिषद के 26 सितंबर 2002 के एक कथित निर्णय का हवाला देते हुए दावा किया था कि दुकानदारों से अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए कहने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

उन्होंने दावा किया था कि मंजूरी को आपत्तियों के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है और सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।

ऐसी खबरों को गलत बताते हुए यूडीएचडी ने शहरी निकायों को कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकान मालिकों को दिए गए निर्देशों के बारे में भ्रम फैलाने से बचने का निर्देश दिया।

यूडीएचडी ने इस बात पर जोर दिया कि मध्य प्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम-2017 दुकान मालिकों को बोर्ड पर अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए बाध्य नहीं करता है।

विभाग ने कहा, ‘मध्य प्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम-2017 के तहत दुकानों पर बोर्ड लगाए जा सकते हैं। इन बोर्ड पर दुकान मालिक का नाम प्रदर्शित करने की कोई बाध्यता नहीं है।’

महापौर की टिप्पणियों के बाद उज्जैन नगर निगम ने भी पुष्टि की कि शहर में दुकान के बोर्ड पर नाम और फोन नंबर प्रदर्शित करने को अनिवार्य बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

इसके अलावा, भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर दुकान मालिकों द्वारा अपने नाम गर्व से प्रदर्शित करने का समर्थन किया। मेंदोला ने तर्क दिया कि नाम प्रदर्शित करना व्यक्तिगत गौरव और ग्राहक अधिकार का मामला है, न कि ऐसा कुछ जिसे अनिवार्य या हतोत्साहित किया जाना चाहिए।

विधायक ने दावा किया, ‘मध्य प्रदेश में हर छोटे-बड़े व्यापारी, व्यवसायी और दुकानदार को अपना नाम बताने में गर्व की अनुभूति होगी।’

उत्तर प्रदेश में विवाद तब शुरू हुआ था, जब मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को भ्रम से बचने के लिए मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया था। इस निर्देश की विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सदस्यों ने आलोचना की है, जिनका तर्क है कि यह समुदाय विशेष के व्यापारियों को गलत तरीके से निशाना बनाता है।

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने शुक्रवार को इस आदेश को पूरे राज्य में लागू कर दिया, जबकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके राज्य में इसी तरह के निर्देश पहले से ही लागू हैं।

भाषा दिमो नरेश पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)