करगिल युद्ध में जीत सेना की क्षमता और बहादुरी का प्रमाण: मोहन यादव |

करगिल युद्ध में जीत सेना की क्षमता और बहादुरी का प्रमाण: मोहन यादव

करगिल युद्ध में जीत सेना की क्षमता और बहादुरी का प्रमाण: मोहन यादव

:   Modified Date:  July 26, 2024 / 06:09 PM IST, Published Date : July 26, 2024/6:09 pm IST

भोपाल, 26 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ करगिल युद्ध जीतकर सैन्य इतिहास में एक नया अध्याय लिखा था और यह जीत सैनिकों की युद्ध क्षमता और बहादुरी का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना दुनिया की सबसे अच्छी सेनाओं में से एक है जो अब दुश्मन के इलाके में जाकर लड़ाई लड़ती है। कारगिल युद्ध कठिन परिस्थितियों में लड़ा गया था।

यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अतीत को देखा है और पड़ोसियों से कैसे निपटना है, यह समझते हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘भारतीय सेना ने करगिल युद्ध में जीत के साथ एक नया इतिहास रचा और यह उनकी बहादुरी और पराक्रम का प्रमाण है। कई बार युद्धों में सेना का साहस हथियारों से ज्यादा मायने रखता है। वीरता भारत की पहचान है।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता यहां शौर्य स्मारक पर कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सदियों से दुश्मन किसी न किसी बहाने भारत में घुसे और इसे नष्ट करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए, लेकिन देश के लोगों की बहादुरी के कारण वे अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए।

यादव ने कहा कि भारत ही एकमात्र प्राचीन सभ्यता है जो बची हुई है, जबकि मिस्र और रोम जैसी सभ्यताएं नष्ट हो गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान 1947 में दो राष्ट्र बने। अगर आज हम उनकी तुलना करें तो हम पाते हैं कि भारत और उसके गुण अलग-अलग हैं। 1965 और 1971 के बाद 1999 में दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ। जब अटल जी (अटल बिहारी वाजपेयी) प्रधानमंत्री थे तो पाकिस्तान ने उन्हें धोखा देने की कोशिश की, जबकि भारत ने पड़ोसी होने के नाते अपना ‘धर्म’ निभाया। अंतत: करगिल युद्ध में पाकिस्तान की हार हुई।’’

यादव ने कहा कि देश करगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत अपने दुश्मनों से उनकी सीमा में घुसकर निपट सकता है। भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है, जो दुश्मनों से निपटना जानती है।’’

मुख्यमंत्री ने शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने लद्दाख में करगिल की बर्फीली चोटियों पर लगभग तीन महीने तक चली लड़ाई के बाद ‘‘ऑपरेशन विजय’’ की सफल परिणति की घोषणा की थी। इस दिन को युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना से युद्ध ट्रॉफी के रूप में प्राप्त टी-55 टैंक को शौर्य स्मारक परिसर में स्थापित करना महत्वपूर्ण है। बाद में उन्होंने युद्ध स्मारक पर स्थायी प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।

भाषा दिमो

धीरज

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