romantic love story in hindi: यदि आप भी हिंदी शायरी के शौकीन हैं और हिंदी की शायरी पढ़ना चाहते हैं तो हम आपको इस लेख में एक से बढ़कर एक शायरी पढ़ने का मौका दे रहे हैं। इसके साथ ही यदि आप अपने चाहने वालों को कुछ लव शायरी संदेश के रूप में भेजना चाहते हैं तो भी इस आर्टिकल में आपको तमाम शायरी हिंदी में मिल जाएंगी जिसे आप अपने प्यार को भेज सकते हैं और अपनी दिल की बातें कह सकते हैं।
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क़यामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर,
जानें क्या हस्र होगा जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे……
न जिद है न कोई गुरूर है हमे
बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमे
इश्क गुनाह है तो गलती की हमने
सजा जो भी हो मंजूर है हमे
चलो आज फिर थोड़ा मुस्कुराया जाये,
बिना माचिस के कुछ लोगों को जलाया जाये…..!!!
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
—बशीर बद्र
तुम मेरी याद में सुलगो तो बुरा लगता है,
तुम मेरे दीदार को तरसो तो बुरा लगता है,
एक तमन्ना है फकत मुझ पे मेहरबान रहो,
तुम किसी और को देखो तो बुरा लगता है,
मेरी रूह तरसती है तुम्हारी खुशबू को,
तुम कहीं और जो महको तो बुरा लगता है।
अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो,
हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं……..!!!
खुश है तू हमें याद न करके
हँस रही हैं तू हमसे बात न करके
ये हँसी तेरी होठों से कभी न जाए
खुदा करें तू मेरी मौत पर भी मुस्कुराए
जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने लिये हूं,
मै खुद को नही देखता औरो की नजर से….!!!
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
जरूरत हो तभी जलाओ अपने आप को,
उजालों में चिरागों की अहमियत नहीं होती।
चांद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत था,
कल रात मैंने भी उसे तेरी तस्वीर दिखा दी……..!!!
मुझे सहल हो गई मंजिलें वो, हवा के रुख भी बदल गये
तेरा हाथ, हाथ में आ गया, कि चिराग राह में जल गये
बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है,
हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है………..!!!
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
जो कुछ भी हूँ पर यार गुनहगार नहीं हूँ,
दहलीज हूँ… दरवाजा हूँ… दीवार नहीं हूँ।
अजीब सी बेताबी है तेरे बिना,
रह भी लेते है और रहा भी नही जाता…..!!!
बरबाद कर देती है मोहब्बत
हर मोहब्बत करने वाले को,
क्यूँकि इश्क़ हार नहीं मानता
और दिल बात नहीं मानता
ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहे हैं वो जिसे हासिल नहीं हैं हम…..!!!
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
आज तलाशने पे भी नहीं मिलते,
कल तलक़ कुछ लोग जो बेहद क़रीब थे।
अपनी सांसों में महकता पाया है तुझे,
हर खवाब मे बुलाया है तुझे,
क्यू न करे याद तुझ को,
जब खुदा ने हमारे लिए बनाया है तुझे……..!!!
तु मिल गई है तो मुझ पे नाराज है खुदा,
कहता है की तु अब कुछ माँगता नहीं है…..!
नही है अब कोई भी जुस्तजू
इस दिल में ए सनम मेरी पहली
और आखरी आरजू बस तुम हो
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर……!!!
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है
— मिर्ज़ा ग़ालिब
अगले जन्म में मिलने की कोई आस भी न रहे,
जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,
जो कह रहे थे कि जीना मुहाल है तुम बिन,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था,
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था…..
तू चाँद हैं
तेरे साथ ढलना चाहता हूँ
तेरी जिंदगी का
सबसे खूबसूरत पल बनना चाहता हूँ
लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं,
मेरी शोहरत किसी के नाम की मोहताज नहीं……!!!
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
बिना तेरे मेरी हर ख़ुशी अधूरी है,
सोच तू मेरे लिए कितनी जरुरी है।
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद…….!!!
हमारी तडप तो कुछ भी नहीं है हुजुर,
सुना है कि आपके दिदार के लिए तो आइना भी तरसता है……!!!
मिलने मिलाने में वक्त जाया ना कर,
आ मेरे दिल में बस जा सदा के लिए।
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे………!!!
मिला था एक दिल जो दे दिया तुमको,
हजारों भी होते तो तेरे लिए होते।
पूछते थे ना कितना प्यार है हमें तुम से,
लो अब गिन लो… ये बूँदें बारिश की……!!!
गुजरता वक्त हमें एहसास करा देता है,
जिसे चाहते हैं हम दिल से वो ही दिल दुखा देता है,
वक़्त मरहम लगा देता है जिन जख्मों पे,
कोई अपना उस दर्द को फिर से जगा देता है।
हम तो इतने रोमान्टिक है की हम अगर थोड़ी देर,
मोबाइल हाथ मै लेले.. तो वो भी गरम हो जाता है……!!!
मुझे ना सताओ इतना कि मैं रुठ जाऊं तुमसे
मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी साँसों से जुदा होना
सर झुकाने की आदत नहीं है,
आँसू बहाने की आदत नहीं है,
हम खो गए तो पछताओगे बहुत,
क्युकी हमारी लौट के आने की आदत नहीं है……!!!
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता
तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे,
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं,
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें,
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं।
क़यामत टूट पड़ती है ज़रा से होंठ हिलने पर,
जाने क्या हस्र होगा जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे……
हमारी बे-खुदी का हाल वो पूछे अगर,
तो कहना होश बस इतना है कि तुमको याद करते हैं।