IBC24 Shakti Samman 2024: बस्तर की बहादुर बेटी ने नक्सली हमले का डटकर सामना कर बचाई छोटे भाई की जान, शक्ति सम्मान से सम्मानित कर रहा IBC24  |IBC24 Shakti Samman 2024

IBC24 Shakti Samman 2024: बस्तर की बहादुर बेटी ने नक्सली हमले का डटकर सामना कर बचाई छोटे भाई की जान, शक्ति सम्मान से सम्मानित कर रहा IBC24 

IBC24 Shakti Samman 2024: बस्तर की बहादुर बेटी ने नक्सली हमले का डटकर सामना कर बचाई छोटे भाई की जान, शक्ति सम्मान से सम्मानित कर रहा IBC24 

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Modified Date: April 5, 2024 / 08:26 PM IST
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Published Date: April 5, 2024 8:26 pm IST

IBC24 Shakti Samman 2024: रायपुर। IBC24 हमेशा से न्यूज के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के लिए भी कार्य करता रहा है। इसी कड़ी में आज हम ऐसी महिलाओं को सम्मानित करने जा रहे हैं, जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर काम किया है। इन महिलाओं में एक नाम है दंतेवाड़ा की अंजली सिंह का, जिन्हें बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी द्वारा IBC24 के शक्ति सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है।

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बता दें कि अंजली नक्सली समस्या से ग्रस्त दंतेवाड़ा जिले के नकुलनार गांव में रहती थी। 7 जुलाई 2010 की आधी रात 12 बजे के आसपास उसके घर के करीब और पूरे गांव में लगभग 500 नक्सलियों ने पूरे धावा बोला था। अंजली के पिता अवधेश सिंह गौतम एक पॉलिटिकल पार्टी में लीडर होने के कारण नक्सलियों के निशाने पर थे, उनके घर पर ताबड़तोड़ गोलियां दागीं गईं। अंजली का भाई अभिजीत तब बाहर खेल रहा था। पिता अंदर कमरे में सो रहे थे। ड्राइवर और उसके मामा संजय बरामदे में सो रहे थे। नक्सलियों ने सीधे बरामदे में सोए ड्राइवर और मामा पर गोलियां दाग दीं। इस गोलीबारी में उसके मामा संजय सिंह और घर में काम करने वाले नौकर की मौत हो गई थी।

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इसके बाद नक्सली दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए और गोलियां चलाने लगे। भाई अभिजीत के पैर में गोली लग गई। अंजली ने देखा तो अपने छोटे भाई को बचाने दौड़ी और उसे कंधे पर लाद लिया। बाकी सभी इधर-उधर भाग रहे थे। इस दौरान नक्सलियों ने बगल वाले घर को धमाका कर उड़ा दिया। अंजली को लगा कि उनके अलावा उसके घर के सारे लोग मारे जा चुके हैं। इसी हालत में अंजली अपने भाई को कंधे पर लादकर अपने दादा के घर ले गई और वहां जाकर पूरी बात बताई। नक्सली भागती अंजली को लगातार चेतावनी देते रहे कि मारी जाओगी, रुक जाओ। लेकिन, अंजली नहीं रुकी। नक्सली चिल्लाकर बार-बार यही पूछते रहे थे कि तुम्हारे पिताजी कहां हैं, बता दो, मगर अंजली भागती रही। उस पर गोलियां चलाई गईं, लेकिन उसे एक भी गोली नहीं लगी।

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इस घटना के बाद अंजली को प्रेसिडेंट ब्रेवरी अवॉर्ड और 2012 में जोनल फिजिकल ब्रेवरी अवॉर्ड समेत कई और पुरस्कारों ने नवाजा जा चुका है इस किस्से को सीबीएसई के पांचवीं क्लास के सिलेबस में शामिल भी किया गया है आज भी लोग अंजली की कहानी को पढ़ते हैं 27 साल की अंजली आज भी उस घटना को याद करती हैं तो उसके आंखों में आंसू आ जाते हैं. हालांकि अंजली की अब शादी हो चुकी हैं अपने परिवार के साथ वो सुखमय जीवन व्यतीत कर रही हैं।

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