Swadesh Darshan Yojana 2.0 : क्या है स्वदेश दर्शन योजना 2.0? धार्मिक पर्यटक स्थलों का होगा विस्तारीकरण

What is Swadesh Darshan Scheme 2.0?: पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत चित्रकूट में कई उन्नयन एवं विकास के कार्य होने हैं।

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  • Publish Date - March 7, 2024 / 01:33 PM IST,
    Updated On - March 7, 2024 / 01:33 PM IST

What is Swadesh Darshan Scheme 2.0? : इस योजना के माध्यम से पवित्र नदियों के किनारे बसे सभी पर्यटन स्थलों में आवश्यकता के अनुसार छोटे छोटे गेस्ट हाउस, छोटे हट, पार्क आदि बनवाये जाएंगे। स्वदेश दर्शन योजना 2024 के माध्यम से परिवहन, आर्थिक स्थिति, रोजगार और भोजन जैसी आवश्यक चीजों पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। बता दें कि चित्रकूट में आज इस योजना के तहत परियोजना विकास और प्रबंधन सलाहकार के साथ अन्य विशेषज्ञ द्वारा आध्यात्मिक अनुभव परियोजना के बारे में चर्चा होगी।

 

What is Swadesh Darshan Scheme 2.0? : भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत चित्रकूट में कई उन्नयन एवं विकास के कार्य होने हैं। भूमिपूजन आज सुरेन्द्र पाल मैदान उद्यमिता परिसर चित्रकूट में होगा। पीएम मोदी वर्चुअल रूप चित्रकूट के साथ ही देश प्रदेश के कई शहरों में लोकार्पण-भूमिपूजन करेंगे। चित्रकूट के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और अन्य स्थानीय नेता भी शामिल होंगे।

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चित्रकूट में गुरुवार को आयोजित इस कार्यक्रम में स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत 26 करोड़ 55 लाख रुपये लागत के मां मंदाकिनी घाटों के उन्नयन एवं विकास कार्य सहित सतना जिले के कुल 139 करोड़ 29 लाख रुपये लागत के 18 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन होगा। इनमें 33 करोड़ 13 लाख रुपये लागत के 14 विकास कार्यों का लोकार्पण और 106 करोड़ 16 लाख रुपये लागत के कार्यों का शिलान्यास किया जाएगा।

 

मध्य प्रदेश के अन्य शहरों में योजना के अंतर्गत विकास कार्य किए जा रहे हैं।

चित्रकूट

आध्यात्मिक यात्रा और स्नान अनुभव को समृद्ध करने के लिए विशेष स्नान स्थानों के साथ स्नान कुंडों में तमाम सुविधाओं की योजना बनाई गई है। प्रकाश के साथ घाटों में आरती प्लेटफार्म, एलईडी प्रदर्शन पर लाइव आरती दर्शन के लिए व्यवस्था की योजना है। यहां पर्यटकों को मंदाकिनी आरती का दृश्य काफी मन मोहने वाला लगेगा।

ग्वालियर

ग्वालियर किले और महल के बीच स्थित फूलबाग 38 हेक्टेयर का ऐतिहासिक प्रक्षेत्र है जो माधवराव सिंधिया प्रथम द्वारा विकसित किया गया था। इस ऐतिहासिक क्षेत्र में मोती महल, इटेलियन गार्डन, क्षेत्रीय कला केंद्र, ग्वालियर चिड़ियाघर, मछलीघर, संगीत संग्रहालय, नगर निगम संग्रहालय, बैजा ताल, गोपाल मंदिर और स्वर्णरेखा नदी आदि शामिल है।

अमरकंटक

जीवनदायिनी मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक के विकास हेतु पर्यटन मंत्रालय द्वारा 49.98 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए। मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, मेला ग्राउंड का विकास, घाटों का विस्तारीकरण तथा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विभिन्न कार्य सम्मिलित हैं।

दतिया

52 शक्तिपीठों की जानकारी देने वाले थीम पार्क। शहर में फुटपाथ, प्रतीक्षालय, जन सुविधाओं का विकास एवं सौन्दर्यीकरण प्रस्तावित है। यहां लगभग 25 करोड़ की लागत से विकास कार्यो की परियोजना का प्रमोचन किया जा रहा है।

 

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