रायपुर: गायों और मवेशियों के संरक्षण, संवर्धन और उन्हें आय के साधन के तौर पर उपयोग की मंशा से पिछली सरकार ने गौठान और रोका छेका जैसी योजनाए लागू की थी। (What is Gauvansh Abhyaran Scheme Chhattisgarh?) हालाँकि यह दोनों ही योजना अपने अमल में आने के साथ ही कई तरह के विवादों में फंसी रही। तब विपक्ष में रही भाजपा ने इस योजना पर सवाल खड़े करते हुए इसे भ्रष्टाचार के लिए बनाई गई योजना बताया था। चुनाव से पहले भी भाजपा नेताओं ने गौठानों का निरीक्षण कर सरकारी योजना की जमीनी हकीकत को जनता तक पहुंचाया था। हालाँकि कांग्रेस का दावा था कि गौठान से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया हैं। महिलायें सशक्त हुई हैं। यह योजना उनके आय का जरिया बना हैं। वही सरकार में हुए बदलाव के बाद अब इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया गया।
दूसरी तरफ अब गौ संवर्धन को विस्तार देने के लिए साय सरकार राज्य में गौवंश अभ्यारण योजना लेकर आ रही हैं। गायों और उसकी सुरक्षा पर केंद्रित इस योजना के बारें में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विस्तार से बातचीत की हैं। उन्होंने इस नई योजना के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बधाई भी दी है।
विजय शर्मा ने कहा कि, गौवंश को जनता पाल नहीं पा रही है। गौठान गांव में था तो, गांव से गाय खेत और सड़कों तक पहुंचती थी। उन्होंने कहा कि सड़कों पर बैठी गायों को ग्रामीणों से बातचीत कर हटाएंगे। गांव के गौठान से खेत पास है इसलिए एक अभ्यारण्य बनाया जाएगा। वे सभी प्रक्रिया की तरफ आगे बढ़ेंगे। चार महीने की सरकार ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है।