रायपुर। Swayam Sahayata Samuh Yojana:प्रदेश की महिलाओं के लिए भूपेश सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। इनमे से एक है स्व सहायता समूह योजना। स्व-सहायता समूह के लिए शासन द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है-दाल-भात केंद्र का संचालन, मध्यान्ह भोजन का कार्य, उचित मूल्य दुकान का संचालन, मछली पालन हेतु तालाब का पट्टा, सब्जी की खेती आदि।
इस योजना ने प्रदेश की महिलाओं का जीवन ही बदल दिया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रकार के रोजगार के अवसर सृजन कर ग्रामीण परिवारों की गरीबी दूर करना है। इसके साथ ही इस योजना से महिलाओं का आत्म सम्मान दृढ़ हुआ है और महिलाएं आत्म निर्भर बनी है।
शासन ने महिलाओं की उन्नति के लिए ऐसी कई योजनाओं की शुरुआत की है। छत्तीसगढ़ की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरा समर्थन किया है। छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के विकासखंड लखनपुर के महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क कुंवरपुर में प्रगति स्वसहायता समूह की महिलाएं वर्मी खाद की पैकेजिंग के लिए बोरा निर्माण का उद्यम चला रही हैं। इस समूह द्वारा वर्तमान में बोरा निर्माण का कार्य प्रति दिन किया जा रहा है। बोरा निर्माण की शुरुआत के एक माह में ही समूह द्वारा करीब 11 हजार बोरा का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें से 6 हज़ार बोरों की सप्लाई करते हुए लखनपुर विकासखंड के 57 गौठानों में वर्मी खाद पैकेजिंग के लिए बोरे विक्रय किये गए हैं। अभी तक महिला उद्यमियों द्वारा 94 हज़ार रुपये तक की आय एक महीने में ही प्राप्त हो चुकी है। यहां से लगातार बोरों की सप्लाई जारी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस कदम से प्रदेश की महिलाओं में आत्म सम्मान बढ़ने के साथ-साथ घर-परिवार में भी महिलाओं का सम्मान बढ़ा है। इस योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करना है। सरकार द्वारा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनायी जा रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखायी देने लगे हैं और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
ऐसी ही कहानी है धमतरी जिले के ग्राम हंचलपुर में संचालित गौठान एवं मल्टी एक्टिविटी सेंटर की, जहां रीपा के माध्यम से गौठान में औद्योगिक इकाई स्थापित कर ग्रामीणों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इस मल्टी एक्टिविटी सेंटर में मुर्गी पालन, बकरीपालन, केंचुआ खाद निर्माण, मशरूम उत्पादन यूनिट स्थापित किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा इन समूह की महिलाओं एवं पुरुषों को दूसरे जिलों में भेजकर प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत ये समूह के सदस्य बखूबी अपने काम को अंजाम देकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इस योजना ने प्रदेश की महिलओं के जीने का अंदाज ही बदल दिया है। इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं अपने आत्म सम्मान को बढ़ा रही हैं। पहले प्रदेश की महिलाएं खेती करके अपने जीवन यापन करती थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस कदम के बाद महिलाओं का नजरिया बदल गया है। अब महिलाएं अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार के विकास मंत्रालय विभाग ग्रामीण आजीविका मिशन ’बिहान (SRLM)’ कार्यक्रम के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूह को ऋण उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत शासन के द्वारा भी इन समूहों को व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण दिया जाता है। साथ ही बता दें कि समूह में लोन लेने से बैंक में किसी प्रकार की जमानत के तौर पर देने के लिए चल-अचल सम्पत्ति की आवश्यकता नही पड़ती है। बैंक का भी वसूली पूरा हो जाता है।