नई दिल्ली। Special Schemes For Women: सरकार के द्वारा प्रदेश की महिलाओं के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है। जिससे महिलाएं सशक्त बन रही है। महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से देश के कई राज्यों ने महिला-केंद्रित नकद सहायता योजनाएं शुरू की है। ये योजनाएं न केवल महिलाओं को आर्थिक संबल प्रदान करती हैं, बल्कि राजनीतिक पार्टियों को अपने वोट बैंक को मजबूत करने में भी मदद करती हैं। इस योजना में ओडिशा की सुभद्रा योजना, मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना, महाराष्ट्र की लाडकी बहन योजना, पश्चिम बंगाल की लक्ष्मी भंडार और कर्नाटक की गृहलक्ष्मी योजना है। तो चलिए इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. सुभद्रा योजना (ओडिशा)
ओडिशा सरकार ने सुभद्रा योजना के तीसरे चरण की शुरुआत हाल ही में की। इस योजना के तहत 20 लाख महिलाओं को पहली किस्त के रूप में ₹5,000 की राशि दी गई. यह योजना 2024 से 2028-29 के बीच पात्र महिलाओं (21 से 60 वर्ष) को कुल ₹50,000 की सहायता प्रदान करेगी. प्रत्येक वर्ष महिलाओं को ₹10,000 दो समान किस्तों में उनके आधार-लिंक्ड बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के तहत ₹10,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
2. लाडली बहना योजना (मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का शुभारंभ 28 जनवरी 2023 को हुआ। यह योजना राज्य की महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है। शुरुआत में महिलाओं को ₹1,000 प्रति माह दिया गया, जिसे बढ़ाकर अब ₹1,250 कर दिया गया है। 2024-25 के लिए इस योजना के लिए ₹18,984 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
3. लाडकी बहीण योजना (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र सरकार ने इस वर्ष महिलाओं के लिए लाडकी बहीण योजना शुरू की. इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की महिलाओं को ₹1,500 मासिक वित्तीय सहायता दी जा रही है. इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों को साल में तीन मुफ्त एलपीजी सिलेंडर भी दिए जा रहे हैं. महायुति सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इस राशि को ₹2,100 तक बढ़ाने का वादा किया है। इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹46,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
4. लक्ष्मी भंडार योजना (पश्चिम बंगाल)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फरवरी 2021 में लक्ष्मी भंडार योजना शुरू की। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। सामान्य वर्ग की महिलाओं को ₹1,000 प्रति माह और एससी/एसटी वर्ग की महिलाओं को ₹1,200 प्रति माह दिए जाते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को “स्वास्थ्य साथी” योजना में पंजीकरण करना अनिवार्य है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के लिए ₹14,400 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
5. गृहलक्ष्मी योजना (कर्नाटक)
कर्नाटक सरकार ने 2023 में गृहलक्ष्मी योजना शुरू की। इसके तहत, बीपीएल परिवारों की महिला मुखिया को ₹2,000 प्रति माह की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में ट्रांसफर की जाती है। यह योजना कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के चुनावी वादों में से एक थी। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के लिए ₹28,608 करोड़ का बजट तय किया गया है।
महिला-केंद्रित ये योजनाएं महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सक्षम बनाती हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सामाजिक स्थिति को भी मजबूत करती हैं। इनका उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय आत्मनिर्भरता प्रदान करना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। हालांकि, इन योजनाओं का उद्देश्य भले ही कल्याणकारी हो, लेकिन इन पर भारी वित्तीय भार पड़ता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकारें इस खर्च को संतुलित करते हुए अपने वादों को कैसे पूरा करती हैं।
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