subsidy on paddy cultivation: करनाल। उत्तर भारत में धान की बिजाई शुरू हो चुकी है। धान की बिजाई पहले परंपरागत तरीके से की जाती थी, लेकिन अब कुछ किसान आधुनिक मशीनों के सहयोग से धान की बिजाई करने लगे हैं। इनमें से एक डीएसआर मशीन है। इस मशीन के तहत धान की सीधी बिजाई की जाती है। मशीन से धान की सीधी बिजाई को डीएसआर तकनीक कहा जाता है, जिसका सीधा सा मतलब डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस होता है।
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डीएसआर में गेहूं की तरह मशीन के द्वारा सीधी बिजाई की जाती है, जिससे किसानों को समय के साथ-साथ पैसे और पानी की भी होती है। पैदावार में बढ़ोतरी होती है। बता दें कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से धान की सीधी बिजाई पर चार हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
जानकारी के मुताबिक स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल’ पर धान की सीधी बिजाई का पंजीकरण 10 जुलाई तक करवा सकते हैं। विभाग द्वारा गठित कमेटी तथा संबंधित किसान द्वारा धान की सीधी बिजाई का सत्यापन करके पोर्टल पर अपलोड उपरांत प्रोत्साहन राशि सीधे लाभार्थी किसान के बैंक खाता में भेज दी जाएगी।
जिले में 25 डीएसआर मशीन का लक्ष्य है। स्कीम का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। सीधी बिजाई के यह फायदे के बारे में विशेषज्ञ ने बताया कि डीएसआर मशीन के द्वारा धान की बिजाई करने पर 15 से 20 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है।
subsidy on paddy cultivation: बीज की मात्रा कम लगती है, खरपतवारों की समस्या कम होती है व जड़ें गहरी चले जाने के कारण लौह तत्व की समस्या बहुत कम आती है। वहीं ऐसे किसान जिनके पास अपना स्वयं का ट्रैक्टर हो व पिछले तीन वर्षों में कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ न लिया हो, विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।