Farmers will get benefit from this scheme : नई दिल्ली। देश के किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार तरह-तरह की योजनाएं चला रही है, इन योजनाओं के तहत किसानों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलती है। ऐसे ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से किसानों को फायदा मिल रहा है। इस योजना के तहत किसानों 40 से 60 फीसदी वित्तीय सहायता मिल रही है। जिससे यमुनानगर में किसानों को मछली पालन से अच्छी कमाई भी हो रही है। इस पर अधिक जानकारी देते हुए डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि जिले में उन गांवों के लोगों को मत्स्य पालन के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिन गांवों में बरसात के पानी का ठहराव होता है या भूमि बंजर है। मछली पालन से किसानों की आय बढ़ रही है। झींगा मछली पालन से 5 से 6 लाख रुपए प्रति एकड़ तक आमदनी होती है।
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इस योजना के तहत 60 प्रतिशत सभी वर्गों की महिलाओं व अनुसूचित जाति को तथा 40 प्रतिशत सामान्य व ओबीसी को अनुदान प्रदान किया जाता है। आवेदनकर्ता निजी भूमि में या पट्टे पर भूमि लेकर मछली फीड हैचरी, तालाबों के निर्माण, बायोफ्लाक, आरएएस, फीड मिल, कोल्ड स्टोर आदि लगाने पर विभाग से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यूनिट लगाने से पहले प्रशिक्षण अवश्य लें और मिट्टी व पानी की टेस्टिंग अवश्य रूप से करवाएं ताकि यूनिट कामयाब हो सके।
डीसी कैप्टन मनोज कुमार के अनुसार जिले के उन गावों के लिए लोगों को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिन गांवों में बारिश का पानी ठहता है या भूमि बंजर है। मछली पालन से किसानों की इनकम बढ़ रही है। झींगा मछली पालन से 5 से 6 लाख रुपये प्रति एकड़ तक आमदनी होती है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा योजना के तहत अनुसूचित जाति व महिला वर्ग मछली पालकों को 60 प्रतिशत अनुदान तथा सामान्य वर्ग को मछली पालन पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 60 प्रतिशत सभी वर्गों की महिलाओं व अनुसूचित जाति को तथा 40 प्रतिशत सामान्य व ओबीसी को अनुदान प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत आवेदनकर्ता निजी भूमि में या पट्टे पर भूमि लेकर मछली फीड हैचरी, तालाबों के निर्माण, बायोफ्लाक, आरएएस, फीड मिल, कोल्ड स्टोर आदि लगाने पर विभाग से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा अन्य विभागीय योजनाओं के लिए किसानों को जागरूक करते हुए समय-समय पर विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है। यूनिट लगाने से पहले प्रशिक्षण अवश्य लें तथा मिट्टी व पानी की टेस्टिंग अवश्य रूप से करवाएं ताकि यूनिट कामयाब हो सके।
Farmers will get benefit from this scheme : पीएमएमएसवाई के तहत, मछुआरों, मछली किसानों, मछली मजदूरों, मछली विक्रेताओं और अन्य सहित मत्स्य पालन क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों को लाभ होगा। इस योजना का उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र की कमियों को दूर करना और इसकी क्षमता का पूरा लाभ उठाना है।
• मछुआरे
• मछली पालक
• मछली मजदूर
• मछली विक्रेता
• मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े अन्य व्यक्ति
— आधार कार्ड
— निवास प्रमाण पत्र
— पैनकार्ड
— जाति प्रमाण पत्र
— मोबाइल नंबर
— बैंक खाता विवरण
इच्छुक व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट pmmsy.dof.gov.in के माध्यम से योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।