DA merged with basic pay govt latest order and notification | 7th Pay Commission Latest Updates and News
DA merged with basic pay govt latest order and notification: नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने अपने कर्मचारियों के इंतज़ार को ख़त्म करते हुए उनके महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी का ऐलान कर दिया है। केंद्र ने 3 फ़ीसदी महंगाई भत्ते को मंजूरी दी है। इसके साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों का डीए अब 50 से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया है। ऐसे में सवाल उठने आगे है कि क्या सरकार अब महंगाई भत्ते को मूल वेतन में समायोजित करेगी या फिर ऐसा फिलहला कोई कदम नहीं उठाएगी? आइये जानते हैं कि सरकार किन विषयों पर विचार कर रही है।
अक्सर माना जाता है कि भत्तों के 50 फ़ीसदी पार होने पर और खासकर महंगाई भत्ते के इस सीमा को पार करने पर वह मूल वेतन में जुड़ जाता हैं और फिर नए सिरे से महंगाई और राहत भत्ते की गणना शुरू होती है। हालांकि ऐसा नहीं है। इस पर सर्कार को खुद ही फैसला लेना। 6वें वेतनमान के लागू होने के दौरान भी महंगाई भत्ता 50 फ़ीसदी के पर चला गया था। तब इसका बेसिक सैलरी में विलय हो गया था। लेकिन अब इस पर सरकार क्या फैसला लेगी, देखना दिलचस्प होगा।
DA merged with basic pay govt latest order and notification: एक मशहूर बिजनेस पोर्टल के मुताबिक़ केंद्रीय कर्मचारियों को अब 53 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा। हालांकि, महंगाई भत्ता बढ़कर 50 प्रतिशत होने पर ये माना जा रहा था कि ये अब मूल वेतन में जुड़ जाएगा और डीए की गणना अलग से की जाएगी। अब महंगाई भत्ता के 53 फीसदी होने के बाद ये फिर से चर्चा का विषय बन गया। इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के कहा कि सरकार इस पर चर्चा कर रही है।
डीए सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है जबकि डीआर यानी महंगाई राहत पेंशनर्स की पेंशन में जुड़कर मिलता है। दोनों में ही साल में दो बार—जनवरी और जुलाई में रिवीजन होता है। हालांकि, सरकार कभी भी इसका ऐलान करें लेकिन ये जनवरी और जुलाई से ही लागू माने जाते हैं। इस बार की डीए और डीआर की बढ़ोतरी से एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को फायदा होगा।
DA merged with basic pay govt latest order and notification महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी का ऐलान ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आधार पर किया जाता है। पिछले 12 महीनों के औसत के आधार पर केंद्र सरकार डीए रिवाइज करती है, जिसका ऐलान आमतौर पर मार्च और सितंबर में किया जाता है।