Contract Employees Will Be Reguler Before Dashahra: अब और नहीं करना पड़ेगा इंतज़ार.. दशहरे से पहले ही लाखों संविदा कर्मचारी हो जायेंगे परमानेंट!.. ये होगा आसान मापदंड..

Contract Employees Will Be Reguler Before Dashahra अब और नहीं करना पड़ेगा इंतज़ार.. दशहरे से पहले ही लाखों संविदा कर्मचारी हो जायेंगे परमानेंट

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  • Publish Date - August 19, 2024 / 03:37 PM IST,
    Updated On - August 19, 2024 / 03:37 PM IST

Contract Employees Will Be Reguler Before Dashahra : देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण से जुड़े प्रस्ताव पर सहमति दी गई। हालांकि नियमितीकरण की कट-ऑफ तिथि तय नहीं होने के कारण इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

Contract Employees Will Be Permanent in Uttarakhand

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मंत्रिमंडल की बैठक में तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सहमति बनी कि 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। हालांकि कट-ऑफ तिथि 2018 या 2024 रखने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका। इस कारण प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने का निर्देश दिया गया। उत्तराखंड के सरकारी विभागों, निगमों और परिषदों में लगभग 15,000 तदर्थ और संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, जो लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इनके विनियमितीकरण के लिए नियमावली तैयार की थी, जिसमें 2011 के नियमों के तहत बाकी बचे कर्मचारियों को विनियमित करने का प्रावधान था।

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Contract Employees Will Be Reguler Before Dashahra : कट ऑफ डेट पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद लागू कर दिया जाएगा। उत्तराखंड के गठन के बाद विभिन्न विभागों का गठन हुआ, जिससे 2011 की नियमावली का लाभ कई कर्मचारियों को नहीं मिल पाया। 2016 में हरीश सरकार ने संशोधित विनियमितीकरण नियमावली जारी की, जिसमें 10 साल की सेवा अवधि को घटाकर 5 साल कर दिया गया, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे रोक दिया। कोर्ट ने 2013 की नियमावली को सही ठहराते हुए 10 साल से सेवा दे रहे तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के विनियमितीकरण का निर्देश दिया। 2024 में धामी मंत्रिमंडल ने इस संशोधित नियमावली पर सहमति जताई, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे लागू नहीं किया जा सका। 17 अगस्त 2024 को मंत्रिमंडल ने फिर से इस पर सहमति दी, लेकिन कट-ऑफ तिथि स्पष्ट न होने के कारण प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

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