रायपुर : बेरोजगारी की दरों को नियंत्रित करने के लिए लिए केंद्र व राज्य सरकार दोनों मिलकर नागरिकों को लाभान्वित करने के लिए बहुत से प्रयास करती रहती है, जिससे राज्य में रोजगार सृजन किया जा सकें। बात करें छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार की तो शासन की तरफ से अनेक ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनसे ग्रामीण और शहरी दोनों ही आबादी को ना सिर्फ रोजगार प्राप्त हो रहा बल्कि वे आर्थिक, सामाजिक रूप से स्वावलंबी भी हो रहे। ऐसी ही एक योजना प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के बेरोजगारी नागरिकों को उनके स्वरोजगार की स्थापना करने व पारम्परिक व्यवसायों को जारी रखने के लिए की गई थी। यह योजना थी छत्तीसगढ़ पौनी पसारी योजना (CG Pauni Pasari Yojna) इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा 5 दिसंबर 2020 को की गई थी।
इस योजना के अंतर्गत परम्परागत व्यवसायों और उद्योगों को शुरू करने के लिए नागरिकों को आर्थिक सहयोग मिल रहा हैं, जिसके लिए योजना में राज्य के 168 शहरी निकायों को शामिल कर बेरोजगार युवाओं को उनके रोजगार की शुरुआत करने और जीवन यापन के लिए आय का साधन प्रदान किया जा रहा हैं।
योजना का लाभ राज्य का कोई भी असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत कुम्हार, मूर्तिकार, दर्ज, सब्जियों का उत्पादन करने वाले नागरिक प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए योजना के अंतर्गत उद्योग के लिए शहरी निकायों में 225 बाजार स्थापित किए जाने हैं, जिसके अंतर्गत महिलाओं को 50% आरक्षण प्रदान किया जा रहा हैं।
इसके तहत स्थानीय परंपरागत व्यवसायों जैसे- लोहे से संबधित कार्यो, मिट्टी के बर्तन, कपडे़ धुलाई, जूते चप्पल तैयार करना, लकड़ी से संबंधित कार्य, पशुओं के लिए चारा, सब्जी-भाजी उत्पादन, कपड़ों की बुनाई-सिलाई, कंबल, मूर्तियां बनाना, फूलों का व्यवसाय, पूजन सामग्री, बांस का टोकना, सूपा, केशकर्तन, दोना-पत्तल, चटाई तैयार करना तथा आभूषण एवं सौंदर्य सामग्री इत्यादि का व्यवसाय पौनी-पसारी व्यवसाय के रूप में रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
योजना के तहत अब तक करीब 263 पौनी-पसारी इकाईयों (चबूतरा) का निर्माण कर 7 करोड़ 33 लाख 8 हजार रुपये राशि स्वीकृत की गई है। योजनांतर्गत प्रति नग 30 लाख की पात्रता निर्धारित है। योजना के तहत नगरीय निकायों को शत-प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 108 परियोजनाओं हेतु 2750.70 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में अद्यतन 152 परियोजनाओं हेतु 4506.02 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्ष 2021 में एक परियोजनाओं हेतु 26.35 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में दो परियोजनाओं हेतु 55.24 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई।
(उपरोक्त आंकड़े छग जनसम्पर्क द्वारा मार्च 2023 तक के लिए उपलब्ध हैं)
राज्य के जो भी इच्छुक नागरिक ‘छत्तीसगढ़ पौनी पसारी योजना के अंतर्गत लाभ लेने के लिए आवेदन करना चाहते है वह आसानी से आवेदन कर सकते हैं। इस हेतु पात्रता व मुख्य दस्तावेज निम्न है-
छग सरकार के महत्वकांक्षी रोजगारोन्मूलक योजना पौनी पसारी का प्रदेश भर में विस्तार हो रहा हैं। इसका उदहारण हमें बलरामपुर जिले में देखने को मिला, जहाँ इसी वर्ष मार्च महीने में पहली बार बकरा-बकरी बाजार की शुरुआत की गई। दरअसल जिले में ग्रामीणों द्वारा आजीविका के रूप में बकरी पालन पारंपरिक तरीके से वृहद रूप में किया जाता है। परन्तु पशुपालकों को बाजार के अभाव में सीमावर्ती राज्य के पशु बाजार व बिचौलियों के हाथों बकरा-बकरी को बेचना पड़ता है, जिससे उन्हें उचित मूल्य प्राप्त नहीं हो पाता था। कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. की पहल एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रेना जमील के मार्गदर्शन में जिले के बकरा-बकरी पालन करने वाले ग्रामीण पशुपालकों को उचित बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नगर पंचायत रामानुजगंज में बकरा-बकरी बाजार का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर कलेक्टर ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि शासन के मंशानुरूप परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए पौनी-पसारी योजना के तहत रामानुजगंज में बकरा-बकरी बाजार का शुभारंभ किया गया है। जिसके माध्यम से बकरा-बकरी पालने वाले ग्रामीण पशुपालकों को समुचित बाजार के साथ उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रेना जमील ने कहा कि बकरा-बकरी बाजार के शुरूआत से ग्रामीण पशुपालकों को पंजीयन के माध्यम से परिवहन में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रारंभिक चरण है आवश्यकता अनुसार इसे और विकसित किया जायेगा।
कलेक्टर ने समूह की महिलाओं को किया प्रोत्साहित
बकरा-बकरी बाजार के शुभारंभ के दौरान कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगाये गये स्टॉल का अवलोकन किया, तथा मिशन उत्कर्ष के तहत सेंट्रल बैंक से पांच महिला समूह को 10 लाख रुपये, भारतीय स्टेट बैंक से 04 महिला समूहों को 13 लाख रुपये, ग्रामीण बैंक से 05 महिला समूहों को 10 लाख रुपये का चेेक प्रदान किया। उन्होंने समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बकरा-बकरी पालन के लिए आगें आये, जिला प्रशासन उन्हें समुचित बाजार दिलाने के लिए प्रयासरत है। उनके पारंपरिक रोजगार को बढ़ावा देने हेतु प्रारंभिक चरण में रामानुजगंज में बकरा-बकरी बाजार का शुभारंभ किया गया है आने वाले दिनों में जिले में दो और नए बकरा-बकरी बाजारों का शुभारंभ किया जाएगा।
पशुपालकों में दिखा उत्साह
इस अवसर पर कुल 547 ग्रामीण पशुपालकों ने पंजीयन कराया और 09 नग बकरों की बिक्री हुई। विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत करमडीहा से आये पशुपालक अवधेश यादव ने बताया कि बकरा-बकरी बाजार खुलने जाने से उन्हें समुचित दाम के साथ निर्धारित समय व स्थान भी मिला है जहां वे पंजीयन कराकर अपने बकरा-बकरी का बिक्री कर सकते हैं। इसके साथ ही पंजीयन कराने वाले पशुपालकों को परिवहन की सुविधा भी मिलेगी। नगर पंचायत वाड्रफनगर से बकरा खरीदने आये मोहम्मद सलीम ने बताया कि अब उन्हें बकरा खरीदने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही बकरा-बकरी बाजार में पडोसी राज्यों के भी क्रेता-विक्रेता शामिल होंगे, जिससे ग्रामीण पशुपालकों को उचित मूल्य मिलेगा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।