AI education in Chhattisgarh : रायपुर। छत्तीसगढ़ में आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों के बाद अब अगले सत्र से एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई में कोर्स में शामिल की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात की घोषणा बीते 15 अगस्त को अपने भाषण में की थी। प्रदेश में भूपेश सरकार बनने के बाद से लगातार शिक्षा का स्तर उठ रहा है, आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों ने एक तरफ जहां अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई को बिना किसी खर्च के आसान बनाया है उसी प्रकार अब प्रदेश में एआई की पढ़ाई में आसान हो सकेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर प्रदेश में शिक्षा की अलख जगी है।
बता दें कि अगले शिक्षा सत्र से स्कूली बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी तकनीकी जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को घर से कॉलेज आने-जाने के लिए बस की निःशुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अगले सत्र से छत्तीसगढ़ी भाषा एवं आदिवासी क्षेत्रों के स्थानीय बोली को कक्षा पहली से कक्षा पांचवीं तक पाठ्यक्रम के एक विषय के रूप में सम्मिलित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के सीबीएसई स्कूलों में भी कक्षा 9वीं-10वीं की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की पढ़ाई कराई जाएगी। इससे छात्रों को हाईटेक शिक्षा मिलेगी। न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के तहत क्लास 9 वीं और 10वीं के छात्रों के सिलेबस में एआई को शामिल किया गया है। सीबीएसई ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। एआई मशीन की तरह सोचने, सीखने और सामान्य रूप से इंसान की तरह काम करने वाली मशीन है। सीबीएसई छात्रों को पढ़ाने के लिए एआई का इस्तेमाल करने जा रहा है। इसमें कोडिंग जैसे विषय भी जल्दी पढ़ाए जा रहे हैं। इनके साथ ही डेटा साइंस की जानकारी भी छात्रों को दी जाएगी। बोर्ड ने 33 विषयों की लिस्ट तैयार की है। जिसमें एआई, फाइनेंशियल लिटरेसी, कोडिंग, डेटा साइंस, संवर्धित वास्तविकता, कश्मीरी कढ़ाई, सेटेलाइट्स एप्लीकेशन, ह्यूमैनिटी और कोविड-19 जैसे अन्य विषयों को शामिल किया है।
– छात्रों को कम समय में मशीन लर्निंग के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
– छात्र इसके उपयोग से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सीखे बिना भी अच्छी कोडिंग लिख सकते हैं।
– छात्र बेहतरीन वीडियो सामग्री बना सकते हैं और एक अच्छे यूट्यूबर बन सकते हैं।
– छात्र कंटेंट राइटर और न्यूज राइटर बनने के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त कर सकते हैं।
– छात्रों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए मार्केटिंग करने का तरीका सिखाएगा।
– छात्र आर्टिफिशियल इमेज डिजाइन की नवीनतम तकनीकों को सीख सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हर कंपनी के लिए फायदे का सौदा है, भविष्य में इस तकनीक की मदद से कंपनियां मोटा मुनाफा कमाएंगी, ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में माहिर युवाओं की मांग तेजी से बढ़ने वाली है। इसलिए इस क्षेत्र में की गई पढ़ाई छत्तीसगढ़ के एक बेहतर और सिक्योर करियर दिला सकती है।
आपको बता दें कि जब मशीन किसी काम को इंसान की तरह सोचकर करने लगे तो वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाता है। टर्मिनेटर, ब्लेड रनर, स्टार वार, मैट्रिक्स, आई रोबोट जैसी कई हॉलीवुड फ़िल्में इसी विषय पर बन चुकी हैं। इस तकनीक में मशीन इंसान के काम को आसान बनाती है। इसकी यही खूबी दुनिया भर की तमाम कंपनियों को लुभा रही है। एआई का इस्तेमाल समस्या समाधान खोजने, नए प्लान, नए आइडिया खोजने में किया जा सकता है। मौजूदा समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट, चैटजीपीटी का इस्तेमाल चर्चा में बना हुआ है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पढ़ाई का सबसे ज्यादा फायदा नौकरी के अलावा सैलरी को लेकर भी है। इंजीनियरिंग की दूसरी ब्रांचों से कहीं ज्यादा सैलरी इस फील्ड का आकर्षण है, भविष्य में हर क्षेत्र में एआई एक्सपर्ट देखने को मिलेंगे। उद्योग, डिजाइनिंग, स्पेस, इंजीनियरिंग, मेडिकल सभी जगह एआई का व्यापक इस्तेमाल होगा, एआई में पढ़ाई करने के बाद शुरुआती पैकेज 70 हजार से एक लाख रुपये महीने तक हो सकता है, वहीं पांच से दस साल के अनुभव के बाद यह हर महीने करीब चार से पांच लाख रुपये तक पहुंच सकता है।