questions are being raised on Chhattisgarh's excise policy

#SarkarOnIBC24 : सरकारी डॉक्टर, सरकारी टीचर के वीडियो हो रहे वायरल, छत्तीसगढ़ की आबकारी नीति पर उठ रहे सवाल

Excise Policy of CG : छत्तीसगढ़ सरकार की आबकारी नीति पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए है। लगातार ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं।

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Modified Date: July 31, 2024 / 10:59 PM IST
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Published Date: July 31, 2024 10:59 pm IST

रायपुर : Excise Policy of CG : छत्तीसगढ़ सरकार की आबकारी नीति पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए है। लगातार ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं। जिसमें कभी कोई शिक्षक शराब के नशे में स्कूल आ रहा है तो कहीं कोई कर्मचारी नशे की हालत में ड्यूटी दे रहा है। इस पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। बीजेपी जहां पिछली कांग्रेस सरकार की आबकारी नीति को दोषी ठहरा रही है। वहीं कांग्रेस तंज कस रही है कि सरकरी कर्मचारियों पर साय सरकार का जोर नहीं चल रहा।

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फिर विवादों में है आबकारी नीति

Excise Policy of CG : छत्तीसगढ़ सरकार की आबकारी नीति एक बार फिर विवादों में है। सरकारी कर्मचारियों के शराब में धुत वीडियो आए दिन सामने आने लगे हैं। ताजा घटना सरगुजा की है। जहां एक टीचर लगातार शराब के नशे में स्कूल आ रहा था। माता-पिता की शिकायत पर DEO ने आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया है।कुछ ऐसा ही नजारा कोयलीबेडा स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला। जहां डॉक्टर नशे की हालत में अस्पताल में बैठे नजर आए। 8 साल के मासूम का इलाज नहीं किया जिससे बच्चे की मौत हो गई। सीएमएचओ ने डॉक्टर शीतल दुग्गा को हटा दिया। आए दिन सामने आती इन घटनाओं पर अब सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरकारी कर्मचारी साय सरकार के काबू में नहीं आ रहे। दूसरी ओर बीजेपी इसे भूपेश राज में कर्मचारियों को मिली छूट का नतीजा बता रही है।

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दूर की कौड़ी है नशा मुक्ति की बात

Excise Policy of CG : छत्तीसगढ़ में अब ये बड़ा मुद्दा बन गया है कि सरकार की आबकारी नीति में कोई कमी है या फिर सरकारी कर्मचारियों पर सख्ती की दरकार है। जहां तक नशा मुक्ति की बात है तो ये दूर की कौड़ी है। कोई भी सरकार आबकारी टैक्स से होने वाली कमाई का मोह नहीं छोड़ सकती। इस पर सियासत अपनी जगह है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि टीचर और डॉक्टर अगर इसी तरह शराब के नशे में ड्यूटी पर आएंगे तो अपनी जिम्मेदारी कैसे निभा पाएंगे। उल्टा सरकार की छवि को जरुर नुकसान पहुंचा देंगे।

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