रायपुर : Unified Pension Scheme : मोदी सरकार ने कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम लॉन्च कर नया दांव चला है। सरकार के इस फैसले को न्यू पेंशन स्कीम को मुद्दा बनकर कर्मचारियों को साधने की कोशिश कर रहे विपक्ष को जवाब माना जा रहा है। जब से ये स्कीम लॉन्च हुई है। कर्मचारी संगठनों में ही नहीं बल्कि सियासी दलों में भी बयानबाजी का शोर है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में अगले महीने विधानसभा चुनाव है तो साल के आखिर में महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में चुनाव है। इस लिहाज से भी इस फैसले को अहम माना जा रहा है।
Unified Pension Scheme : मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए 24 अगस्त को यूनिफाइड पेंशन स्कीम लॉन्च की।जो न्यू पेंशन स्कीम की तुलना में कहीं ज्यादा फायदेमंद बताई जा रही है। महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जहां UPS लागू किया गया है, तो छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों में भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर हलचल तेज है। कोई इसे न्यू पेंशन स्कीम से बेहतर बता रहा है तो कोई राज्य में पहले से लागू ओल्ड पेंशन स्कीम से ही खुश है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम पर सियासी गलियारों में भी बयानबाजी की दौर तेज है। कांग्रेस तंज रही है कि NPS के भारी विरोध के चलते केंद्र सरकार OPS जैसी स्कीम UPS लेकर आई है। तो बीजेपी पलटवार कर रही है कि हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने OPS को अभी तक लागू क्यों नहीं किया।
Unified Pension Scheme : पूरे देश में लाखों सरकारी कर्मचारी हैं, सरकार चाहे किसी भी पार्टी की रहे। उसकी हमेशा यही कोशिश रहती है कि कर्मचारी वर्ग को अपने साथ लेकर चला जाए। क्योंकि चुनाव में एक बड़ा वोट बैंक है और कोई भी सरकार इसे नाराज नहीं करना चाहती। अब जब कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, तो सरकार ने UPS वाला दांव खेला है, तो विपक्ष ये जताना नहीं भूल रहा है कि मोदी सरकार ने उसके दबाव में यू टर्न लिया है।