Reshuffle in MP and CG cabinet : रायपुर: मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की कैबिनेट में जल्दी ही आपको नए चेहरे नजर आ सकते हैं.. दोनों राज्यों की कैबिनेट का विस्तार होने के कयास लगाए जा रहे हैं… मध्यप्रदेश की मोहन कैबिनेट में सोमवार को नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है… इसमें कुछ नामों पर तो मुहर भी लग चुकी है… वहीं कुछ नामों पर सस्पेंस बना हुआ है… बात अगर छत्तीसगढ़ की साय कैबिनेट विस्तार की करें.. तो यहां 2 पद खाली हैं और बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद से ही राज्य में कैबिनेट विस्तार की अटकलों का बाजार गर्म है.. सीएम विष्णुदेव साय ने भी रविवार को साफ कर दिया.. कि जल्दी ही कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा..
मध्यप्रदेश की मोहन यादव कैबिनेट का सोमवार को पहला विस्तार हो सकता है.. कयास लगाए जा रहे हैं… कि मोहन यादव कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए रामनिवास रावत को मंत्री पद का तोहफा दे सकते है… रामनिवास रावत के पाला बदलने से बीजेपी को ग्वालियर चंबल अंचल में फायदा हुआ था अंचल की संभी सीटें बीजेपी ने जीत ली थी… हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई भी मंत्री खुलकर बात नहीं कर रहा है….
Reshuffle in MP and CG cabinet: कांग्रेस के कभी कद्दावर नेता रहे रामनिवास.. ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस की आवाज माने जाते थे.. 30 अप्रैल को उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था… उन्होंने पार्टी पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया था और अपने जूनियर उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से नाराज थे… रामनिवास विजयपुर सीट से विधायक हैं.. उन्होंने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है… जिसे लेकर कांग्रेस हमलावर है.. मोहन कैबिनेट में कांग्रेस से बीजेपी में आए अमरवाड़ा से मौजूदा बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह और निर्मला सप्रे का नाम भी चर्चा में है…. हालांकि अभी इस पर तस्वीर साफ नहीं है..
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छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय कैबिनेट में भी नए चेहरों को जल्द जगह दी जा सकती है… मंत्रिमंडल में फिलहाल दो पद खाली हैं… स्कूल शिक्षा मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफा के बाद से ही कैबिनेट विस्तार की चर्चा है.. लेकिन ये किसी ना किसी कारण से टलता आ रहा है… माना जा रहा है… कि 22 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने वाला है…उससे पहले कैबिनेट के खाली पदों को भरा जाएगा.. सीएम साय ने इसके संकेत भी दे दिए हैं..
कामकाज में कसावट और तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री अक्सर अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करते रहे हैं… कभी मंत्रियों के विभाग बदले जाते हैं तो कई लोगों का बाहर भी कर दिया जाता है.. वहीं नए मंत्रियों को शामिल करने में जाति का फैक्टर अहम भूमिका निभाता है… अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ की कैबिनेट में सीएम साय और सीएम मोहन यादव किन समीकरणों का ध्यान रखते हैं..