रायपुर: Politics On Ram In CG: छत्तीसगढ़ में राम एक बार फिर से सियासत के केंद्र में आ गए हैं। सूबे की पिछली भूपेश सरकार 5 साल तक भांचा राम की दुहाई देती रही और ये कहते थकती नहीं थी कि रामवनगमन का प्रोजेक्ट उसने लॉन्च किया। अब बीजेपी की नई सरकार इसी रामवनगमन प्रोजेक्ट की जांच करने जा रही है। इसके लिए एक हाईपॉवर जांच समिति बनाई गई है। जाहिर है पहले एक नरेटिव पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सेट किया। अब उसका लिटमस टेस्ट बीजेपी की साय सरकार करने जा रही है। जिस पर वार-पलटवार की सियासी रार छिड़ गई है।
Politics On Ram In CG: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर भांचा राम के बहाने सियासी तपिश बढ़ गई है। राम के बहाने एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। इस बार राम पर लड़ाई एक आदेश के बाद शुरू हुई है। दरअसल भूपेश सरकार में बनी राम वनगमन पर्यटन परिपथ योजना की अनियमितता की जांच होगी। इसके लिए सरकार ने पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय समिति बनाई है। जो प्रदेश के 9 जिलों के 75 स्थानों में, रामवनगमन परिपथ से जुड़े हुए 137 करोड़ के विकास कार्यों की जांच करेगी। साय सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि बीजेपी राम के नाम पर वोट तो लेती है, लेकिन काम नहीं करती है।
Politics On Ram In CG: कांग्रेस के आरोपों को बीजेपी ने खारिज करते हुए जमकर प्रहार किया और कांग्रेस पर रामवनगमन परिपथ में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए दावा किया कि- जांच के बाद सब आइने की तरह साफ हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ में भांचा राम के नाम पर कांग्रेस और बीजेपी, समय-समय पर अपने सियासी पांसे फेंकती रहती है और पॉलिटिकल माइलेज लेने में कोई कमीं नहीं छोड़ती है, लेकिन सवाल ये है कि – क्या राम वन गमन प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने में अनियमितता हुई है? और आखिर ऐन चुनावी दौर में ही राम वनगमन प्रोजेक्ट के लिए जांच समिति क्यों गठित हुई?
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