नई दिल्ली : Bihar Politics: चुनावी रणनीतिकार और अब फुल टाइम पॉलिटिशन प्रशांत किशोर आज दिन भर लाइम लाइट में रहे। गांधी मैदान से गिरफ्तारी, जमानत लेने से इंकार और रिहाई के बीच जमकर सियासी उठापटक देखने को मिली। एक समय ऐसा लग रहा था कि प्रशांत किशोर की आज की रात पटना की बेऊर जेल में ही गुजरेगी, लेकिन देर शाम पटना जिला प्रशासन सशर्त जमानत की बात से पीछे हटा। जिससे प्रशांत की रिहाई का रास्ता खुला।
Bihar Politics: पटना के गांधी मैदान में 2 जनवरी से अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी को लेकर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। प्रशांत को सोमवार तड़के 4 बजे पुलिस ने धरना स्थल से उठाकर गिरफ्तार कर लिया। प्रशांत BPSC परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर अनशन पर थे। प्रशांत को गिरफ्तार कर पुलिस ने सिविल कोर्ट में पेश किया। जहां उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन प्रशांत ने इससे पहले सशर्त जमानत लेने से इंकार कर दिया था।
प्रशांत किशोर के धरना स्थल से जेल तक के सफर पर अगर नजर डाले तो 2 जनवरी की शाम 5 बजे प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे गए थे। BPSC छात्रों की परीक्षा रद्द करने की मांग का समर्थन किया था। 2 जनवरी की ही रात 9 बजे पटना प्रशासन ने प्रशांत किशोर को धरना स्थल से हटने का नोटिस दिया। 3 जनवरी को प्रशांत किशोर पर FIR दर्ज की गई। 6 जनवरी को तडके 4 बजे पुलिस ने प्रशांत को गिरफ्तार कर लिया।
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Bihar Politics: प्रशांत किशोर के जेल जाने से बिहार की सियासत गरमा गई। बीजेपी और RJD ने इसे प्रशांत का पॉलिटिकल स्टंट करार दिया।
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का पॉलिटिकल करियर अभी शुरू भर हुआ है और ये उनका पहला आंदोलन है। उनके रुख से एक बात साफ है।बीजेपी, कांग्रेस, RJD और JDU जैसे कई दलों के दबदबे वाली बिहार की सियासत में प्रशांत। लंबी पारी खेलने के इरादे से उतरे हैं, जिसकी पहली परीक्षा इसी साल सितंबर-अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में होगी।