भोपाल : #SarkarOnIBC24 : मप्र बीजेपी में प्रचंड जीत के बाद भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। चुनावी दौर में कांग्रेस से जो थोकबंद नेता और कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने बीजेपी के अंदर खलबली मचा दी है। असंतोष की नई कहानी रोज सामने आ रही है। अब बीजेपी नेतृत्व के सामने सबसे बड़ा संकट ये है कि वो नए भाजपाइयों को संभाले या फिर पुराने नेताओं की नाराजगी दूर करे।
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#SarkarOnIBC24 : यूपी बीजेपी में हार की वजह बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक लाइन में जो केंद्रीय नेतृत्व को बताई वो थी नए भाजपाई Vs पुराने भाजपाई। अब यही समस्या एमपी में भी देखने को मिल रही है। मंत्री नागर सिंह चौहान से जब उनका एक मंत्रालय लेकर कांग्रेस से बीजेपी में आए रामनिवास रावत को दे दिया गया तो नागर ने बगावती सुर अपना लिया। इस्तीफा वो अपनी जेब में लेकर घूमने लगे। दिल्ली गए वहां से बेरंग लौटा दिए गए फिर आधी रात को सीएम हाउस पहुंचे जहां मुख्यमंत्री के साथ वीडी शर्मा, संगठन मंत्री हितानंद शर्मा और नागर सिंह चौहान का हंसता खिलखिलाता वीडियो प्रदेश के समाने आया और ये बताने की कोशिश की गई कि सब कुछ ठीक है।
6A दीनदयाल उपाध्याय मार्ग से नागर को ये साफ संदेश दिया गया कि सार्वजानिक बयान के बजाए बात पार्टी फोरम पर रखिए। वो बात समझे भी लेकिन बीजेपी के सीनीयर लीडर और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने भरी महफिल में कह दिया कि नागर सिंह चौहान ने सोच-समझकर कदम उठाया होगा। मंत्री बनना दलबदलू नेताओं का सौभाग्य और हमारा दुर्भाग्य है।
#SarkarOnIBC24 : बीजेपी के अंदरखाने में इस बात की नाराज़गी भी महसूस हो रही है कि कांग्रेस से आए हुए लोगों की मौज है। जबकि बीजेपी के लिए पूरी जिंदगी खपा देने वाले दिग्गजों को नज़रअंदाज किया जा रहा है और यह ज्वालामुखी नागर सिंह चौहान के इस्तीफे की धमकी के बाद फुट भी गया और सत्ता संगठन ने उसे समय रहते डैमेज कन्ट्रोल भी कर लिया लेकिन पार्टी के अनुशासन के दायरे में बैठे वो नेता कब तक अपने अंदर इस आग को दबाए रखेंगे ये एक बड़ा सवाल है क्योंकि यहां बात नए भाजपाई Vs पुराने भाजपाई की है।