नई दिल्ली : Politics On GST: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने किसी समय GST को गब्बर सिंह टैक्स बताकर निशाना साधा था। उस समय इस पर काफी बवाल मचा था। अब नई-नई सांसद बनी प्रियंका गांधी ने GST को एक नया नाम दिया है ”गृहस्थी सत्यानाश टैक्स”। जाहिर है ये बाद बीजेपी को पसंद नहीं आई उनके नेता इसपर पटवार भी किया, लेकिन अभी कांग्रेस के GST पर निशाना साधने के पीछे वजह क्या है?
वो ऐतिहासिक घड़ी थी जब देश में टैक्स सुधार की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाया गया। भारत की संसद ने GST बिल पास कर दिया। GST ने पुरानी टैक्स व्यवस्था की जगह ली। तब इसे गेमचेंजर माना गया था, लेकिन जब से GST लागू हुआ है। इस पर सवाल और विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
यह भी पढ़ें : #SarkarOnIBC24: Ladli Behna Yojana से कटे 1.63 लाख नाम, विपक्ष का बवाल, सरकार का पलटवार
Politics On GST: GST से जुड़ी विसंगतियों के चलते कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस पर निशाना साधा है प्रियंका ने X पर लिखा, GST का करीब 90% से ज्यादा हिस्सा सबसे गरीब और मध्य वर्ग से वसूला जा रहा है जबकि सबसे ज्यादा आय वाली 10% आबादी का GST में योगदान सिर्फ 3% है। गरीब जनता से रोटी-दाल और चना-चबैना पर भी वसूली हो रही है। आम जनता के लिए GST का मतलब “गृहस्थी सत्यानाश टैक्स” हो गया है।
प्रियंका गांधी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने भी GST के खिलाफ मोर्चा संभाला और लिखा, “गब्बर सिंह टैक्स” कहें या “गृहस्थी सत्यानाश टैक्स” या फिर “Give Sitharaman Tax” ! भाजपा के GST को हम जिस भी नाम से बुलाए, एक बात तय है मोदी सरकार ने GST को गरीब और मध्यम वर्ग से उनकी गाढ़ी कमाई लूटने का माध्यम बना दिया है।
GST को लेकर कांग्रेस ने दिल्ली से हमला किया, तो उसके आरोपों का जवाब मध्यप्रदेश से आया। मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने पलटवार करते हुए कांग्रेस नेताओं की भाषा पर ही सवाल उठा दिए। हालांकि कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा।
Politics On GST: GST पर कांग्रेस के आक्रामक होने की एक बड़ी वजह है। भारत की GDP के ताजा आंकड़े, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया जा रहा है। जो सरकार के अनुमान 7.2 फीसदी से काफी कम है। अर्थव्यवस्था में गिरावट है इसके बाद भी GST कलेक्शन बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि 90% से ज्यादा GST सबसे गरीब और मध्य वर्ग से वसूला जा रहा है। जबकि सबसे ज्यादा आय वाली 10% आबादी का GST में योगदान सिर्फ 3% है। कांग्रेस का ये भी आरोप है कि कॉर्पोरेट टैक्स की दर 30% से घटाकर 22% कर दी गई. जिससे हुए टैक्स के नुकसान की भरपाई GST बढ़ाकर की जा रही है।
भारत अकेला देश नहीं है जहां GST लागू है, लेकिन जिन वादों और दावों के साथ इसे लागू किया गया उन्हें हासिल अब तक नहीं किया जा सका है। आम लोगों पर टैक्स का बोझ कुछ खास कम नहीं हुआ दूसरी तरफ व्यापारी भी GST के साथ आज तक सामंजस्य नहीं बिठा पाए हैं। राज्य सरकारें भी आए दिन GST से हासिल टैक्स बंटवारे में भेदभाव का आरोप लगाती आई हैं, कुल मिलाकर GST पर सियासी गदर जारी है।