भोपाल: Amarwara By-Election 2024 लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी और कांगेस को एक और अग्निपरीक्षा से गुजरना है। अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव दोनों पार्टियों के लिए नाक का सवाल बन गया है। बीजेपी जहां इस सीट को जीतकर साबित करना चाहती है कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर उसकी जीत कोई तुक्क नहीं थी। बल्कि यहां की जनता आज भी उनके साथ है। वहीं कांग्रेस बागी कमलेश शाह को हराकर सबक सिखाने को बेताब है। अमरवाड़ा सीट पर 10 जुलाई को मतदान है और मुख्य मुकाबला बीजेपी के कमलेश शाह, कांग्रेस के धीरन शाह और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के देव रावेन भिलावी के बीच है।
Amarwara By-Election 2024 मध्यप्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद अब बारी अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव की है। दिलचस्प सियासी समीकरण के चलते हर किसी की नजर इसके नतीजों पर है। इस सीट का नतीजा बीजेपी ही नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए भी दूरगामी साबित होगा। लोकसभा चुनाव में क्लीन स्विप से बीजेपी का जोश हाई है, तो कांग्रेस के लिए ये चुनाव उसकी साख का सवाल बन गया है। सबसे पहले बात इस सीट के सियासी समीकरणों की।
अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश शाह ने जीत हासिल की थी। कमलेश के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने से ये सीट खाली हुई है। कमलेश शाह कांग्रेस के टिकट पर तीन बार अमरवाड़ा से चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन इस बार बीजेपी के टिकट पर पहली बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर 9 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। जबकि बीजेपी को महज दो बार ही जीत मिली है। 2003 में एक बार इसी सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी जीती दर्ज की है। 2023 में हुए चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कमलेश शाह ने बीजेपी प्रत्याशी को 25 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अमरवाड़ा में 15 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। सीएम डॉ मोहन यादव के कार्यकाल में ये पहला उपचुनाव है।
छिंदवाड़ा पूर्व सीएम कमलनाथ का कभी गढ़ हुआ करता था। जिसे बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में ढहा दिया। हार के बाद नुकलनाथ और कमलनाथ उपचुनाव में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे। ऐसे में PCC चीफ जीतू पटवारी ने प्रचार की कमान संभाल ली है और यहीं डेरा डाल दिया है।
अमरवाड़ा में कांग्रेस कमलनाथ के विकास कार्य और बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह के दलबदल को मुद्दा बना रही है। दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और कई सीनियर मंत्री प्रचार में जुटे हैं। सीएम मोहन यादव भी जल्दी ही अमरवाड़ा में चुनावी संभाए शुरू करने वाले हैं। दोनों पार्टियों के जीत के अपने-अपने दावे हैं।
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अमरवाड़ा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जनाधार भी मजबूत है। ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। यही वजह है कि कांग्रेस और बीजेपी को इस बात का डर सता रहा है कि ये GGP दोनों में से किसका वोट काटेगी। अब ये तो चुनाव के नतीजों से ही साफ होगा कि बीजेपी छिंदवाड़ा में अपना दबदबा कायम रख पाई या कांग्रेस अपनी खोई जमीन को दोबारा हासिल कर पाती है।