नई दिल्ली : Politics on Manmohan Singh Memorial : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार से पहले उनके स्मारक को लेकर सियासत भी खूब हुई। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से स्मारक के लिए जगह मांगी। सरकार ने कांग्रेस ने मांग पर सहमति तो जताई, लेकिन तुरंत जगह उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया। मोदी सरकार इसके चलते कांग्रेस, आप, RJD समेत सभी कई विपक्षी पार्टियों के निशाने पर रही। बीजेपी ने भी अपना पक्ष रखकर इस पर सफाई भी दी।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने शुक्रवार को ही पीएम मोदी को पत्र लिखकर मनमोहन सिंह की याद में स्मारक बनाने के लिए जगह की मांग कर दी थी। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया था कि जहां अंतिम संस्कार हो स्मारक भी वहीं बनाया जाएगा।
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Politics on Manmohan Singh Memorial : खरगे के पत्र पर गृह मंत्रालय की ओर से जवाब आय जिसमें कहा गया, ‘अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट को चुना गया है। पूर्व पीएम का स्मारक दिल्ली में बनेगा। इसके लिए उचित जगह तलाशी जाएगी और ट्रस्ट बनेगा जिसकी प्रक्रिया में समय लगेगा।’
कांग्रेस ने इसे देश के पहले सिख पीएम का अपमान बताया। कांग्रेस ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी और RJD ने भी कांग्रेस की मांग का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन ने जब इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा तो बीजेपी ने भी सरकार का पक्ष रखा और कांग्रेस पर पूर्व पीएम नरसिंहमा राव के अपमान का आरोप लगाया।
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Politics on Manmohan Singh Memorial : पूर्व प्रधामंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार राजघाट पर हुआ और वहीं स्मारक भी बना। जिसके लिए जगह मोदी सरकार ने ही उपलब्ध कराई थी। इसी के चलते कांग्रेस हमलावर है।दूसरी तरफ बीजेपी इस बात पर सवाल उठा रही है कि कांग्रेस ने ऐसी मांग पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहमा राव के लिए क्यों नहीं की। जबकि तब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की ही सरकार थी। राष्ट्र में सेवा के लिए समर्पित पूर्व पीएम के स्मारक को लेकर सियासत दुखद है।