नई दिल्ली : Jharkhand Politics: झारखंड का सियासी रण पूर्व सीएम और JMM नेता चंपई की बगावत के साथ ही रोचक हो चला है। जब चाचा ने भतीजे को गच्चा देने की ठानी तो तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए वो कमल से दिल लगा बैठे और आज प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह पर अपना विश्वास भी पक्का कर लिया। इसी बीच झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंच चुके हैं।
Jharkhand Politics: बीजेपी के चाणक्य अमित शाह के साथ बैठे झारखंड के टाइगर की ये तस्वीर सामने आते सस्पेंस खत्म हो गया कि चंपई क्या करने वाले हैं। कयास लग रहे थे कि JMM से बगावत के बाद चंपई अलग पार्टी का गठन करेंगे, लेकिन चंपई ने बीजेपी के बैनर के नीचे अपनी राजनीति की नई स्क्पिट् लिखने का मन बनाया।
वैसे चंपई के JMM से बगावत की पटकथा उस दिन लिखी गई जब कथित जमीन घोटाले में जमानत पर रिहा हुए हेमंत ने उन्हें सत्ता से हटाकर दोबारा सीएम पद की शपथ ली। उस वक्त तो चंपई मुस्कुराते रहे, दर्द सहते रहे, लेकिन सीएम की कुर्सी छिन जाने का दर्द उन्हें रह-रह कर सालता रहा। फिर क्या था 18 अगस्त 2024 को चंपई सोरेन ने JMM पर अपने अपमान का आरोप लगाया और एक्स पर पोस्ट कर अपनी बगावत की ऑफीशियल घोषणा कर दी और फिर चंपई के दिल्ली कूच और बीजेपी के डोरे डालने का सिलसिला भी शुरू हो गया।
Jharkhand Politics: फिर चंपई की दोस्ती और नई पार्टी बनाने की पेशकश होती रही। हर दिन नई अटकले लगाई जाती रहीं। आखिरकार 26 अगस्त को चंपई सोरेन का पीएम मोदी और शाह पर विश्वास भी पक्का हो गया और 30 अगस्त को रांची में बेटे के साथ, चंपई सोरेन के कमल खिलाने की तारीख भी पक्की हो गई। चंपई के ऐलान के बाद झारखंड में सियासी पारा गरम है।
2025 में झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में चंपई का बीजेपी के खेमे में आना। उसके लिए फायदे का या घाटे का सौदा होता है। ये तो वक्त बताएगा, लेकिन झारखंड के टाइगर के इस कदम ने चुनाव से पहले JMM का सियासी समीकरण जरूर बिगाड़ दिया।