रांचीः हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री बन गए। राजभवन में राज्यपाल राधाकृष्णन ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई। हेमंत का शपथ ग्रहण इसलिए भी खास है। क्योंकि 156 दिन पहले 31 जनवरी को इसी राजभवन से उनकी गिरफ्तारी हुई थी और जब 28 जून हो उनकी रिहाई हुई तो 6 दिन बाद ही वो तीसरी बार झारखंड के सीएम बने। दूसरी ओर एक दिन पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले चंपई सोरेन 152 दिन सीएम रहे। झारखंड में वो दूसरे सीएम हैं जिनकी सबसे कम दिन की सरकार थी। पहले नंबर पर शिबू सोरेन हैं, जो 10 दिन मुख्यमंत्री रहे।
झारखंड में एक बार फिर हेमंत सोरेन की सरकार बन गई। जेल से बाहर निकलने के एक हफ्ते के भीतर हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हेमंत तीसरी बार झारखंड के सीएम बने। अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन के बाद हेमंत सोरेन तीसरे नेता हैं, जो झारखंड में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। शपथ ग्रहण से पहले हेमंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। X पर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा-आदरणीय बाबा से मिलकर आगामी चुनौतियों से निपटने का आशीर्वाद लिया।
इससे पहले बुधवार को तेजी से बदले घटनाक्रम में चंपई सोरेन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके बाद हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।झारखंड में इसी साल अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राजनीतिक जानकार हेमंत सोरेन के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। ये फैसला कितनी सही है कितना गलत ये आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन हेमंत सोरेन की किस्मत अच्छी थी कि चंपई सोरेन जीतनराम मांझी की तरह कुर्सी से नहीं चिपके और हेमंत के लिए अपनी कुर्सी छोड़ दी। चंपई भले कुछ भी कहें, लेकिन निश्चित तौर पर वे दुखी जरूर होंगे। इसलिए जब मीडिया ने उनसे इस्तीफे का कारण पूछा..तो उन्होंने टका सा जवाब दिया कि ये गठबंधन का फैसला है।
चंपई सोरेन के इस्तीफे और हेमंत सोरेन की ताजपोशी को बीजेपी ने आदिवासियों के अपमान से जोड़ते हुए कटाक्ष किया। असम के सीएम हिमंता विश्वा सरमा ने कहा कि झारखंड में JMM और कांग्रेस द्वारा एक वरिष्ठ आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री पद से हटाना बेहद दुखद है. मुझे यकीन है कि झारखंड के लोग इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करेंगे और इसे ढृढ़ता से खारिज करेंगे। बहरहाल 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा के मौजूदा समीकरण पर नजर डालें तो इंडिया गठबंधन के पास 47 विधायक हैं। इसमें JMM-27, कांग्रेस- 18, RJD और सीपीआई एम के पास 1-1 सीट है। दूसरी तरफ NDA गठबंधन के विधायकों की संख्या 28 है। सबसे ज्यादा बीजेपी 24 विधायक, आजसू 3, एनसीपी( अजीत गुट) 1 है। इसके अलावा 2 निर्दलीय विधायक और 4 सीट खाली है।
कुल मिलाकर चुनाव से पहले हेमंत सोरेन ने पार्टी के साथ-साथ सरकार की कमान भी अपने हाथों में ले ली है। यानी ये तय हो गया कि INDIA गठबंधन हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगा। जो बीते 5 महीनों से कथित जमीन घोटाले मामले में जेल में बंद थे। ऐसे में INDIA गठबंधन आगामी चुनाव में सोरेन के जेल जाने के कारण जो सहानुभूति उपजी थी, उसका फायदा उठा पाती है या नहीं?