Bhagwat's message amid the temple-mosque dispute

#SarkarOnIBC24 : मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच भागवत संदेश, मंदिर पर ‘नेता’ बनने वालों पर सख्ती

Mohan Bhagwat Statement: संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत का बयान चर्चा में है और ये चर्चा इसलिए नहीं है कि, उन्होंने मंदिर-मस्जिद का जिक्र किया

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Modified Date: December 20, 2024 / 11:43 PM IST
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Published Date: December 20, 2024 11:43 pm IST

नई दिल्ली  : Mohan Bhagwat Statement: संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत का बयान चर्चा में है और ये चर्चा इसलिए नहीं है कि, उन्होंने मंदिर-मस्जिद का जिक्र किया, बल्कि चर्चा इसलिए है क्योंकि मोहन भागवत ने नेताओं को सख्त लहजे में नसीहत दे दी है कि – हर जगह मंदिर-मस्जिद ना ढूंढें और हिंदू समाज को अपनी राजनीति का टूल ना बनाएं। शांति और सद्भाव के साथ रहें। अब, उनके इस बयान के हर कोई अपने-अपने हिसाब से मायने निकाल रहा है और देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश में सियासत गरमा गई है।

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Mohan Bhagwat Statement: देश के कई शहरों में इस वक्त धर्मस्थलों के सर्वे चल रहे हैं। मंदिरों की बुनियाद पर मस्जिद या दरगाह तामीर होने की शिकायतों की बाढ़ आई हुए है। ऐसे वक्त में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ये कहकर नयी बहस छेड़ दी कि, कुछ लोग मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर नेता बनना चाहते हैं।

मंदिर-मस्जिद पर भागवत की खरी-खरी तो आपने सुन ली.. सवाल है कि इस वक्त भागवत को ऐसे बयान देने की जरूरत क्यों पड़ी। क्या संघ अपनी सोच बदल रहा है। धर्मस्थलों पर भागवत ज्ञान पर हिंदू-मुस्लिम पक्ष का क्या कहना है।

मंदिर-मस्जिद को लेकर राजनीति ना करने की भागवत के नसीहत पर, सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस तंज कस रही हैकि – मोहन भागवत सबसे पहले बीजेपी को ये पाठ पढ़ाएं, तो बीजेपी ने भागवत के समर्थन में हामी भरी।

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Mohan Bhagwat Statement: सर्वे, खुदाई और दावों को लेकर भागवत का ज्ञान आखिर किसके लिए है। संघ प्रमुख का बयान आखिर किसे देंशन देगा। क्या हार्ड हिंदुत्व की लाइन पर चलने वालों को भागवत का ये बयान पसंद आएगा, ऐसे कई सवाल हैं जो उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल क्या RSS अब अपनी सोच बदल रहा है। सवाल कई हैं, लेकिन उनके बयान ने हार्ड हिंदुत्व के पैरोकारों को स्वाभाविक रूप से असहज कर दिया है। वहीं लिबरल्स को ये साबित करने का मौका दे दिया कि दरअसल वो सही हैं।

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर हिन्दू धर्मस्थल होने के दावों की आलोचना करते हुए इसे कुछ लोगों द्वारा खुद को हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश करार दिया है | इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है –
क्या विवादित मुस्लिम धर्म स्थलों का सर्वे होना चाहिए?

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