भोपालः MP budget session मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का चौथा दिन भी हंगामेदार रहा। नर्सिंग घोटाले को लेकर मंत्री सारंग को घेरने की कोशिश आज भी फिर एक बार हुई। वहीं मूंग खरीदी समेत कई और मुद्दों पर विपक्ष मुखर दिखा। मुद्दों की चौपाल में जो बहस-मुबाहिसा चला। उसका हासिल-ए-महफिल क्या रहा?
MP budget session चुनावों में लाडली बहनों को 3000 रुपए देने का वादा अब बीजेपी पर भारी पड़ रहा है। कांग्रेस बार बार बीजेपी सरकार की लाड़ली बहनों को किए वादों के जरिए घेराबंदी कर रही है। चाहे बीजेपी मुख्यालय के बाहर हो रहे कांग्रेस का प्रदर्शन हो या फिर विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस विधायकों का बवाल हो। खैर, बीजेपी सरकार ये दावा कर रही है कि लाड़ली बहनों के लिए बजट में 18,984 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। जबकि कांग्रेस 3000 रुपए हर महीने लाडली बहनों को दिए जाने के वादे की याद दिला रही है। फिलहाल सरकार 1 करोड़ 19 लाख महिलाओं को 1250 रुपए हर महीने लाडली बहना योजना के जरिए दे रही है। जाहिर है कि कांग्रेस ये बताने की कोशिश मे है कि बीजेपी ने सिर्फ चुनाव जीतने के लिए वादे किए थे।
फिलहाल विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस ना सिर्फ बजट में कमियां गिना रही है। बल्कि नर्सिंग घोटाले को लेकर भी बीजेपी सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही है। खासकर कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे को लेकर। कांग्रेस ने कल भी विश्वास सारंग की सदन में गलतबयानी को लेकर हंगामा किया और आज भी कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए सारंग के झूठ के कागज लहराए और ये दावे किए कि विश्वास सारंग ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री रहते फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दे दी। उधर विश्वास सारंग ने भी ये दावा कर दिया कि जयवर्धन सिंह के आरोप बेबुनियाद हैं। इधर कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के आरोपों पर सरकार ने तत्काल टेंडर जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा अवैध कॉलोनियों को लेकर सरकार ने सख्त कानून का भरोसा दिया।
विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष बीजेपी सरकार के बजट को नाकाफी बताते रहा। ये भी कहा गया कि बीजेपी वादे के मुताबिक किसानों को गेंहू की एमएसपी 2700 रुपए और चावल की एमएसपी 3100 रुपए का भुगतान करे। खैर,सत्र 19 जुलाई तक है। अभी शुरुआत हुई है,सिर्फ 4 दिन बीते हैं। कांग्रेस के तेवर देखकर लगता है कि 163 सदस्यों वाली बीजेपी सरकार की मुश्किलें आसानी से कम नहीं होंगी।