Papmochani Ekadashi 2025

Papmochani Ekadashi 2025: सुहागन महिलाएं इस दिन रखेगी पापमोचनी एकादशी का व्रत, यहां देखें क्या है इसकी तिथि और शुभ मुहूर्त

Papmochani Ekadashi 2025: सुहागन महिलाएं इस दिन रखेगी पापमोचनी एकादशी का व्रत, यहां देखें क्या है इसकी तिथि और शुभ मुहूर्त

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Modified Date: March 23, 2025 / 03:42 PM IST
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Published Date: March 23, 2025 3:42 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पापमोचिनी एकादशी 25 मार्च 2025 को है।
  • जो मनुष्य इस एकादशी का व्रत करता है उसे सभी सुख प्राप्त होते हैं।
  • इस एकादशी का व्रत करने से हवन, यज्ञ से भी अधिक फल प्राप्त होते हैं।

नई दिल्ली। Papmochani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में तीज-त्योहारों के साथ ही एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह में दो एकादशी होती हैं, जिससे वर्ष में कुल 24 एकादशी का आयोजन होता है। प्रत्येक एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। लेकिन पापमोचनी एकादशी व्रत बहुत विशेष माना जाता है। पापमोचिनी एकादशी 25 मार्च 2025 को है। यह एकादशी महान पुण्य देने वाली है जो मनुष्य इस एकादशी का व्रत करता है उसे सभी सुख प्राप्त होते हैं और उनके पितरों और पूर्वजों को स्वर्ग मिलता है। तो चलिए जानते हैं इस एकादशी का शुभ मुहूर्त और विधि।

शुभ मुहूर्त

पापमोचिनी एकादशी तिथि 25 मार्च 2025 सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 26 मार्च को सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी।

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पूजा विधि

पापमोचिनी एकादशी की पूजा की प्रक्रिया एक दिन पूर्व से आरंभ होती है। व्रत के एक दिन पहले पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध किया जाता है। इसके बाद, उस स्थान पर सप्त अनाज का संग्रह किया जाता है। एकादशी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि करें। फिर पूजा स्थल पर सप्त अनाज के ऊपर तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें।
इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। अब भगवान विष्णु को धूप, दीप, चंदन, फल-फूल और तुलसी आदि अर्पित करें। पूजा के उपरांत विजया एकादशी की कथा का पाठ करें और भगवान विष्णु को किसी मिष्ठान का भोग अर्पित करें।

करें इन मंत्रो का जाप

ॐ श्रीं ह्रीं पूर्ण गृहस्थ सुख सिद्धये ह्रीं श्रीं ॐ नमः ।।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।

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पापमोचिनी एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म में वैसे तो सभी एकादशी का अपना विशेष महत्व है लेकिन पापमोचिनी एकादशी के व्रत का बहुत महत्व बताया गया है। ये व्रत हर साल व्रत आरोग्य, संतान प्राप्ति और प्रायश्चित के लिए रखा जाता है। इसके साथ ही इस एकादशी के व्रत को करने से सभी प्रकार की मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। इस एकादशी का व्रत करने से हवन, यज्ञ से भी अधिक फल प्राप्त होते हैं।