Mangla Gauri Vrat kab hai , Date aur shubh muhurt

Mangla Gauri Vrat 2024 Date : कब है सावन महीने का पहला मंगला गौरी व्रत, शुभ मुहूर्त से लेकर महत्व तक सब कुछ जानें यहां

Mangla Gauri Vrat 2024 Date : सावन में जहां सोमवार शिव जी को समर्पित है तो वहीं मंगलवार का दिन माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन मंगला गौरी

Edited By :   Modified Date:  July 19, 2024 / 09:43 PM IST, Published Date : July 19, 2024/9:43 pm IST

नई दिल्ली : Mangla Gauri Vrat 2024 Date : हिंदू शास्त्रों में मंगलवार के दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है और मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। लेकिन सावन के महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बेहद ख़ास माना जाता है। सावन में जहां सोमवार शिव जी को समर्पित है तो वहीं मंगलवार का दिन माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन मंगला गौरी व्रत कहा जाता है।

इस दिन सुहागिनें अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत करती हैं वहीं कुंवारी कन्याएं अच्छे जीवनसाथी को पाने के लिए कामना करती हैं।

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मंगला गौरी व्रत की तिथियां

Mangla Gauri Vrat 2024 Date :  पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई 2024 को है। वहीं दूसरा मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई 2024, तीसरा मंगला गौरी व्रत 6 अगस्त 2024 को है। वहीं चौथा और आखिरी मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त 2024 को रखा जाएगा।

मंगला गौरी व्रत का महत्व

मंगला गौरी व्रत के दिन कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद मंगल दोष से मुक्ति मिल सकती है। सौभाग्य से जुडे़ होने की वजह से नवविवाहित दुल्हनें भी आदरपूर्वक एवं आत्मीयता से इस दिन शिव गौरी और हनुमान जी की पूजा उपासना करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से पति पत्नी के बीच के रिश्ते मधुर होते हैं। इसके अलावा संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है।

मंगला गौरी व्रत में इस मंत्र का करें जाप

Mangla Gauri Vrat 2024 Date :  ”कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम्। नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम्।।

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मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि

मंगलवार को सुबह जल्दी उठकर नहाएं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करें। इसके बाद व्रत करने का संकल्प लें। फिर देवी मंगला गौरी यानी पार्वतीजी की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति को लाल कपड़े पर रखना चाहिए। मां गौरी की पूजा के बाद फूल मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री, 16 चूड़ियां और मिठाई चढ़ाई जाती है। पूजा में चढ़ाई गई सभी चीजें सोलह की संख्या में होती हैं. मान्यता है कि ये व्रत सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का वरदान प्रदान करता है।

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